जिन वकीलों ने बच्चों के नाम पर सुप्रीम कोर्ट में दीपावली पर पटाखों के खिलाफ याचिका डाली, इनका कनेक्शन सीधे कांग्रेस पार्टी से

पटाखों को बैन कराने का कांग्रेसी राज़ खुला, पटाखों पर बैन सिर्फ दिवाली पर क्यों, बैन हमेशा के लिए क्यों नहीं  

लखनऊ।  सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाए जाने के ऊपर सोशल मीडिया में लोगो के सार्थक विचार देखने को मिल रहे है। प्रदूषण का बहाना बनाकर हिंदू त्यौहारों को निशाना बनाया गया है।

सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि इसके पीछे जिसका हाथ है वो नाम सामने आ चुके हैं। इनही लोगो ने पटाखों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी।

अगर प्रदूषण को कम करने के लिए पटाखों को बैन किया जाना ही था तो यह बैन हमेशा के लिए होना चाहिए था।  पटाखों पर स्थायी रूप से बैन लगना चाहिए था न कि सिर्फ दिवाली पर।  आप तो जानते ही हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर रोक लगा दी है लेकिन हिन्दू त्यौहार दीपावली पर पटाखों को बैन करवाने के पीछे क्या कांग्रेस का हाथ था ? आखिर किन लोगों ने बैन लगवाया ?

देश के हिन्दुओ को यह तथ्य  मालूम होना बहुत जरुरी है। हम आपको बताते हैं याचिका दायर करने वालों के नाम, अर्जुन गोपाल, आरव भंडारी साथ व  ज़ोया राव है। इसमें से 2 की उम्र 6 महीने थी, और 1 की उम्र 14 महीने थी, यानि ये तो दुधमुहे बच्चे थे, इनको क्या पता सुप्रीम कोर्ट क्या होता है, या फिर याचिका क्या होती है। मासूम बच्चों की और से दायर याचिका को तो कोर्ट द्वारा स्वीकारी भी नही जानी चाहिए थी।

गोरखपुर  में जब सैकड़ो मासूम बच्चों की मौत हो रही थी तत्समय किसी के मन मे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की हिम्मत क्यो नही आई।तब कांग्रेसी राजनीति करने गोरखपुर तंक तो पहुंचे थे,परन्तु कोर्ट जेस का सहारा उस  जिन लोगों ने इन बच्चों के नाम का सहारा लेकर दीवाली पर पटाखों के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई उनके नामो का खुलासा सोशल मीडिया पर करके पटाखों के बैन का बड़ा पटाखा फोड़ते हुए हिन्दू विरोधी कांग्रेसी मानसिकता का खुलासा कर दिया गया है। उधर गुजरात ने हिन्दू न होते हुए भी राहुल गांधी मंदिर नन्दिर जाकर मासूम हिन्दुओ को बहकाने का प्रयास जर रहे है।

हम आपको बताते हैं, सौरभ भसीन, एडवोकेट अमित भंडारी एडवोकेट और गोपाल शंकरनारायन इस केस में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता. इसमें से अमित भंडारी कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के साथ काम करता है।

अभिषेक मनु सिंघवी वही व्यक्ति  है जो लोगों को जज बनवाते थे, और एक  महिला के साथ भी अश्लील हरकत करते हुए पकड़े गए थे। न जाने इन्होंने कितने लोगों को जज बनवाया होगा। इन वकीलों ने बच्चों के नाम पर  सुप्रीम कोर्ट में दीपावली पर पटाखों के खिलाफ याचिका डाली, इनका कनेक्शन सीधे कांग्रेस पार्टी से है। यह स्पष्ट है कि मुस्लिमो को रुझाने के लिए कांग्रेस के इशारे पर ही इन लोगो ने पटाखे की बिक्री रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है।

यह पहली बार नहीं हुआ है कि जब कांग्रेस के वकीलों ने हिन्दुओं के खिलाफ कुछ बोला हो। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वकील तीन तलाक के समर्थन में केस लड़ते है, कांग्रेस का नेता और वकील कपिल सिब्बल अयोध्या जी में श्री राम मंदिर के खिलाफ भी ही लड़ रहै है। राहुल गांधी राम के अस्तित्व को ही नही मानते। मंदिर जाने वालों को लड़की देखने वाला बताते है। राम मंदिर निर्माण का विरोध करते है। दिवाली में पटाखों पर बैन का कनेक्शन भी इसी पार्टी से  है। कुल मिलाकर यह पार्टी अब एक ओर हिन्दुओं को निशाना बना रही है वही दूसरी ओर गुजरात के भोले भाले हिन्दुओ को लौली पॉप दिखाकर उनके वोट बटोरने की राजनीति में लगी है।

 

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