‘जॊशुवा प्रॊजेक्ट’ मतलब भारत में अमरीकन मिशनरी द्वारा चलाए जानेवाला ‘ईसाई जिहाद’
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‘जॊशुवा प्रॊजेक्ट भारत’ अमरीकन मिशनरी द्वारा चलाए जानेवाला ‘ईसाई जिहाद’ है जो भारत के सभी हिन्दूओं का ईसाई धर्मांतरण कराने के मक्सद से बनाया गया है। ईस्लामी जिहाद में अगर हथियार का उपयॊग कर लोगों का धर्म परिवर्तन किया जाता है तो ईसाई जिहाद में आर्थिक प्रलॊभन, अप्रामाणिक तरीके से और लैंगिक शॊषण करके लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।
जॊशुवा प्रॊजेक्ट को अपने ईसाई पादिरियॊं के सहायता से पूरे दुनिया मॆं ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने के उद्देश से बनाया गया है। यह भी एक आतंकवादी संगठन है। इस्लाम और क्रिस्चियानिटी दोनों ही मानवीयता के लिए कलंक हैं। ईसाई धर्म कहता है की दुनिया को उनके भगवान ने ४००० बी सी में बनाया है और विकासवाद झूठ है। इस्लाम कहता है कि जो भी इस्लाम को न माने उसका सर काट दो। दोनों धर्म में कोई अंतर नहीं है। इब्राहीमी अद्वैतवाद के चलते यह ईसाई और मुसल्मान पिछले २००० साल से मानवता के दुशमन बन बैठे हैं।
अब भारत में यह जॊशुवा प्रॊजेक्ट कैसे काम करता है देखिए। यह आंतकवादी संगठन भारत में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को डूंढ़ता है और उनको बहलाता है की हिन्दू धर्म की वजह से ही आज उनकी ऐसी हालत है। उनके हिन्दू पूर्वजों के वजह से ही वे गरीब और पिछड़े हुए हैं। ईसाई धर्म अपनाने से उनकी गरीबी दूर हॊ जाएगी और उनके घर में खुशहाली आयेगी । ईसाई धर्म प्रचारक इन लोगों के मन में हिन्दू धर्म के प्रति घृणा भर देते हैं। मेक्का और वॆटीकन दोनों इस काम में माहिर है।
ईसाई पाद्री भारत में ब्राहमण समुदाय को लुभाने की कॊशिश कर रहें हैं क्यॊं की उनका मानना है की ब्राहम्ण समुदाय हिन्दुत्व के कड़े प्रतिपादक है। इसलिए ब्राहमणॊं को अपनी ओर करने के लिए आज ईसाई ब्राह्मण पाद्रियों को तैयार किया जा रहा है। येशू को हिन्दू देव के रूप में दिखाना, गिरिजाघरॊं में हिन्दू विधि-विधान को पालन करना आदि इनके हिन्दुओं को विशेष तोर पर ब्राहमणों को अपनी ओर करने के पैंतरे हैं।
गोरे देशों की गोरी चमड़ीवाले सभी चर्च बड़े बड़े गैर सरकारी संस्थान चलाते हैं। भारत या अन्य पिछड़े हुए देशॊं में बसी ऐसी गैर सरकारी संस्था काले या भूरे चमड़ीवालों का धर्म परिवर्तन करने हेतु ही चर्च द्वारा चलाई जाती है। मानावाधिकार संस्था, अमनेस्टी इंटरनेशनल, विश्व बैंक, रेड क्रॊस, ग्रीन पीस इंटरनेशनल जैसे गोरों की संस्था का मक्सद दूसरे काले या भूरे रंगो द्वारा चलाई जानेवाली गैर सरकारी संस्थाओं को पछाड़ ना ही है। यह विदेश से चलाई जानेवाली गैर सरकारी संस्थाएं पैसों के दम पर हिन्दु और अन्य धर्म के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभित करता है।
जॊशुवा प्रोजेक्ट का एक ही मकसद है अन्य धर्म के लोगों को ईसाई बनाना। इस कार्य में इनकी मदद करने के लिए अन्य संस्थाएं भी काम करती है जो की ईसाईयॊं द्वारा ही चलाई जाती है। जॊशुवा और आईएसएस दोनों एक जैसे ही संघठन है। दोनों प्रशिक्षित हैं और हिन्दू द्वेषी है। दोनों आतंकवादी संगठन भारत के स्थानीय लोगों को प्रलोभित कर अपने संगठन से जुड़ने को कहते हैं और उन्हें आतंकवादी बना देते हैं। जोशुवा और आईएसएस ने कसम खाई है की वे भारत को बर्बाद कर देंगे।
भारत के चर्च के पाद्री वहाँ काम करनेवाले नन या सन्यसिनियों का लैंगिक शॊषण भी करते हैं। यहाँ तक की नाबालिग लड़कीयों के साथ भी चर्च के पादरी बलात्कार करते हैं। जॊशुवा आतंकवादी संगठन को हिन्दु धर्म, संस्क्रुती और सभ्यता से नफरत है। इसलिए वे सामाजिक संस्था बनाते हैं जो हिन्दू त्यॊहारॊं और देव-देवियों को अपना निशाना बनाता है। मिशनरियां देश में नये मंदिरॊं के निर्माण कार्य में भी बाधा डाल रही हैं। इतना ही नहीं इन लोगों ने टी वी के प्राइम टाईम को भी खरीद लिया है तांकि उस समय केवल उनका ही कार्यक्रम प्रसारित किया जा सके। हिन्दु सभ्यता को तोड़ मरोड़ कर बनानेवाली फिल्में और सीरियल के लिए इन्ही लोगों से मॊटा रकम मिलता है।
इस्लामी जिहाद का अस्तित्व सामने दिखता है लेकिन ईसाई जिहाद के अस्तित्व का पता नहीं चलता। क्यों की ये लोग धर्म परिवर्तन के लिए हथियार का प्रयॊग नहीं करते। हिन्दू एकता ही अब इन जिहादियॊं को मुँह तोड़ जवाब दे सकती है। आज हिन्दु पुनरुत्थान की अवश्यकता सबसे ज्यादा है। हिन्दू अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी । संगठन ही शक्ति है। सतर्क रहिए….
Source:http://legacy.joshuaproject.net/prayer-resources.php
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