टाइगर मेमन के पास मुस्लिम महिलाएं चूड़ी लेकर गई थीं: उस्मान मजीद

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/श्रीनगर। कश्मीर के एक कांग्रेस विधायक ने शुक्रवार को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में टाइगर मेमन से कई बार मुलाकात होने का दावा किया। विधायक ने कहा, ‘फरार डॉन ने मुझसे स्वीकार किया था कि उसने मुंबई में हुए दंगों का बदला लेने के लिए 1993 में धमाकों को अंजाम दिया था।’ 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट से कुछ महीने पहले मुंबई में दंगे हुए थे।
कश्मीरी विद्रोही से राजनीति में आए उस्मान मजीद बांदीपुर से कांग्रेस विधायक हैं। मजीद ने कहा कि उन्होंने 1993 और 1994 के बीच तीन बार टाइगर मेमन से मुलाकात की थी। मजीद ने टेलिग्राफ से कहा, ‘टाइगर हिलाल बेग का करीबी दोस्त था। टाइगर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में हमारे ऑफिस बतौर अतिथि आता था। ऐसे में मुझे तीन बार मिलने का मौका मिला।’ बेग, इखवान-उल-मुसलिमीन उग्रवादी ग्रुप का चीफ कमांडर था। इसी मिलिटेंट ग्रुप के साथ मजीद राजनीति में आने से पहले जुड़े थे। इखवान-उल-मुसलिमीन को छोड़ने के बाद मजीद भारत के समर्थन में कश्मीरी उग्रवादियों के खिलाफ आंदोलन में शामिल हो गए थे। वह कूका पारे के साथ कश्मीरी विद्रोहियों के खिलाफ आंदोलन में शामिल रहे। इसके बाद ही वह राजनीति में आए थे। मजीद ने कहा, ‘मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के बाद टाइगर कराची में रह रहा था लेकिन वह पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में स्थित हमारे ऑफिस आता था। हमलोग उसके लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था करते थे।’ मजीद ने दावा किया कि मार्च 1993 में ब्लास्ट के बाद वह कश्मीर में ही था लेकिन करीब एक महीने बाद वह बांग्लादेश के जरिए पाकिस्तान चला गया था। मजीद ने कहा, ‘मैंने पहली बार शायद 1993 के नवंबर में उससे मुलाकात की थी। मैंने बातचीत में उससे पूछा था कि उसने मुंबई में बम ब्लास्ट क्यों किया था?’ टाइगर ने बताया था, ‘यह 1992 के दंगों का बदला है। कुछ मुस्लिम महिलाएं रोती हुईं हमलोग के पास आई थीं। इनके हाथों में चूड़ियों से भरी थाली थी। इन्होंने कहा कि इसे पहन लो। इसके बाद मैं इमोशनल हो गया और बदला लेना का फैसला किया।’ मजीद ने कहा, ‘टाइगर ने मुझसे कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मुंबई के सीरियल ब्लास्ट में मदद की थी।’ मुंबई धमाके में 257 निर्दोष लोग मारे गए थे। कांग्रेस विधायक ने कहा कि उसकी याकूब मेमन से मुलाकात कभी नहीं हुई लेकिन अपने भाई के ‘सरेंडर’ से टाइगर बहुत परेशान था। मजीद ने कहा, ‘मुझे याद है वह दुबई चला गया था। डर था कि पाकिस्तानी एजेंसी अब उसे टारगेट कर सकती हैं। बाद में आईएसआई उसे बातचीत के जरिए पाकिस्तान लाने में कामयाब रही थी। 1995 की शुरुआत में मजीद भारत वापस आ गये थे। मजीद ने कहा कि उनकी 1994 में भी टाइगर से मुलाकात हुई थी। आगे चलकर मजीद ने मुख्यधारा की राजनीति को जॉइन कर लिया था। 2002 में मजीद ने निर्दलीय विधायक के रूप में जीत हासिल की थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार में मजीद मंत्री भी बने थे।
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