ट्रंप पर आरोप: रूस को बताईं बेहद खुफिया बातें

वॉशिंगटन। रूस के साथ कथित संबंधों को लेकर घिरे ट्रंप अब एक नए विवाद में फंस गए हैं। इल्जाम है कि पिछले हफ्ते वाइट हाउस में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रूस के विदेश मंत्री और राजदूत को बेहद गोपनीय जानकारियां उपलब्ध कराईं। यह आरोप अमेरिका के कुछ वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप द्वारा दी गई जानकारियों के कारण इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़ी बेहद खुफिया जानकारियां देने वाले एक अहम सूत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। आरोप है कि FBI के निदेशक जेम्स कॉमे को बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद ही यह बैठक हुई।

अधिकारियों का कहना है कि जो जानकारी ट्रंप ने रूसी विदेश मंत्री और राजदूत के साथ साझा की, उसे एक सहयोगी देश ने अमेरिका के साथ साझा किया था। ये जानकारियां इतनी खुफिया और संवेदनशील थीं कि इसे सहयोगी राष्ट्रों के साथ भी साझा नहीं किया गया था। इतना ही नहीं, अमेरिकी सरकार के भीतर भी बहुत कम और गिने-चुने लोगों को ही इसके बारे में पता था।

अधिकारियों का कहना है कि जिन सहयोगी देश ने अमेरिका को ये सूचनाएं दीं, उसने इसे रूस के साथ साझा किए जाने की अनुमति नहीं दी थी। अधिकारियों ने संभावना जताई कि ये संवेदनशील जानकारियां रूस को दिए जाने के कारण हो सकता है कि अब वह सहयोगी देश भविष्य में अमेरिका के साथ सहयोग न करे। अधिकारियों का आरोप है कि इससे अमेरिका को काफी नुकसान होगा। बताया जा रहा है कि जिस देश ने अमेरिका को ये जानकारियां दीं, उसकी पहुंच ISIS के अंदर तक है। ट्रंप की बैठक के बाद वाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने नुकसान की भारपाई करने की कोशिश की। इसी के मद्देनजर CIA और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) को फोन कर उन्हें पूरी घटना का ब्योरा दिया गया।

इस पूरी घटना से वाकिफ एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया, ‘यह कोड-वर्ड में दी गई जानकारी थी।’ इसमें ऐसी गुप्त भाषा का इस्तेमाल किया गया था जो कि अमेरिकी खुफिया और गुप्तचर एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल में लाया जाता है। अधिकारी ने बताया, ‘ट्रंप ने रूसी राजदूत को इतनी जानकारी दे दी, जितनी हम अपने सहयोगियों के साथ भी साझा नहीं करते।’ ट्रंप पर यह ताजा आरोप ऐसे समय में लगा है, जब वह पहले से ही रूस के साथ कथित संबंधों को लेकर दबाव में है। पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने FBI के निदेशक जेम्स कॉमे को बर्खास्त कर दिया था। मालूम हो कि FBI ट्रंप की चुनावी टीम के रूस के साथ कथित संबंधों की जांच कर रहा है। ट्रंप ने कॉमे को हटाने के बाद यह भी माना कि उनके फैसले की पीछे ‘रूस से जुड़ा मामला’ एक कारण है। इस फैसले को लेकर ट्रंप की काफी आलोचना भी हो रही है।

 

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