डिफॉल्टरों का सुराग देने वालों को मिलेगा 15 लाख इनाम

tax difalterतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। आयकर विभाग के नए दिशानिर्देशों के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ जानकारी देेने वालों को 15 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा जिन पर भारी भरकम टैक्स बकाया है। सरकार ने इस श्रेणी में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और सेल्फ एसेसमेंट को भी शामिल किया है। पिछले सप्ताह आयकर विभाग ने देश भर के अपने सभी कार्यालयों को नए निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति जो घोषित डिफॉल्टर के विरुद्ध विश्वसनीय सूचना देता है उसे ऐसे व्यक्ति से वसूले गए कर का 10 फीसदी पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा लेकिन इस पुरस्कार राशि की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये होगी। कुछ खास मामलों में इनाम की राशि में इजाफा भी किया जा सकता है हालांकि इसके लिए सीबीडीटी से पहले मंजूरी लेनी होगी।

नए दिशानिर्देश पिछले और चालू वित्त वर्ष से प्रभावी हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसे देश में काले धन से निपटने में भारी चुनौती और राजस्व में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए जारी किया है। नए दिशा निर्देशों के अनुसार सूचना देने वालों की शिनाख्त गुप्त रखी जाएगी। हालांकि, कुछ मामलों में कानून के तहत जरूरी होने पर उनकी शिनाख्त सार्वजनिक की जा सकती है। इसलिए उन्हें तथ्यों और दस्तावेजों के समर्थन के साथ सूचना देनी होगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग ने नए दिशानिर्देश देश में काले धन का पता लगाने की चुनौती को आसान करने के साथ कर संग्रह को बढ़ाने के इरादे से दिया है। हालांकि, इसी के साथ विभाग ने स्पष्ट किया है कि आशंका के आधार पर, अस्पष्ट और सामान्य जानकारी पर पुरस्कार राशि नहीं दी जाएगी। नए दिशानिर्देश के मुताबिक पुरस्कार उन्हीं परिसंपत्तियों की जानकारी पर दी जाएगी, जिसका पता विभाग भी नहीं लगा पाया है। विभाग की ओर से ऐसे बकायदारों की सूची जारी होने के छह महीने के भीतर मुखबिर को उनसे संबंधित सूचना मुहैया करानी होगी।

 

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