डॉक्टर्स, इंजीनियर्स के पास से निकला सबसे ज्यादा काला धन

मुंबई। केंद्र सरकार ने विदेश में जमाकर रखी गई संपत्ति का खुलासा करने के लिए जो 90 दिन का वक्त दिया था, उसमें 638 लोग सामने आए। पिछली बार से उलट इस बार ब्लैक मनी का खुलासा करने वालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर, इंजिनियर और मल्टिनैशनल कंपनियों में काम करने वाले फॉर्मर सीनियर मैनेजर थे। कई मामलों में वैसे लोगों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया जो पहले विदेश में थे लेकिन अब इंडिया में सेटल हो गए हैं।
एक टैक्स अडवाइजर के मुताबिक, ‘जिन लोगों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है, उनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जो विदेश से लौटे हैं। इनमें बहुत से लोग सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं जो पहले अमेरिका या दूसरे देशों में काम कर रहे थे और अब इंडिया में सेटल हैं। ये वे लोग नहीं हैं, जिन्होंने कोई गलत काम किया है।’ इस टैक्स अडवाइजर ने हालिया स्कीम के तहत कुछ लोगों को अपनी अघोषित संपत्ति का खुलासा करने में मदद की है।
इस सॉफ्टवेयर इंजिनियर ने अपने टैक्स अडवाइजर को बताया कि चाहे जितनी भी ऊंची कीमत चुकानी पड़े, वह इस स्कीम में गोपनीयता के प्रावधान का फायदा उठाना चाहते हैं। इस स्कीम के तहत प्रॉपर्टी या पैसा डिक्लेयर करने पर 30 पर्सेंट टैक्स और 30 पर्सेंट पेनल्टी का प्रविजन है। हालांकि, इसमें डिस्क्लोजर पर इस बात का भरोसा दिलाया गया था कि किसी को जेल नहीं जाना होगा।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि खासतौर पर जो NRI इंडिया में आकर बस गए हैं, उनके मामलों में जिस अघोषित संपत्ति का खुलासा किया गया है, मुमकिन है कि वह ब्लैक मनी न हो। यह रकम वह आमदनी या इन्वेस्टमेंट है जो उनके विदेश प्रवास के दौरान हासिल हुए थे।
दूसरे मामले में दिल्ली के दो डॉक्टर हैं, जिन्होंने विदेश में लगभग 13 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात का खुलासा किया है। डॉक्टरों ने बहुत समय पहले लंदन में एक रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में पैसा लगाया था। प्रॉपर्टी कानूनी तरीके से कमाए गए पैसों से खरीदी गई थी, लेकिन जब यह डील हुई थी तब भारत के किसी नागरिक को विदेश में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं थी।
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