डोकलाम विवाद में नहीं है चीन के युवाओं की दिलचस्पी

पेइचिंग। डोकलाम विवाद को लेकर भारत को बार-बार युद्ध की धमकी देने वाले चीन को खुद अपने ही देश के युवाओं की खबर नहीं है। चीन का सरकारी मीडिया बार-बार ‘भारत को सबक सिखाने’ का आह्वान कर रहा है, पर चीन के युवा इस पर ध्यान तक नहीं दे रहे। चीन के युवाओं का एक बड़ा हिस्सा तो डोकलाम विवाद से वाकिफ तक नहीं है क्योंकि वह सरकारी मीडिया को ज्यादा तवज्जो ही नहीं देता।

चीन के युवाओं के रुझान को समझने के लिए सबसे बेहतर माध्यम है वहां का सोशल मीडिया। शनिवार को चीन के सोशल मीडिया सीना वीबो (ट्टिवर का चीनी वर्जन) पर जो टॉप 50 मुद्दे ट्रेंड कर रहे थे, उनमें डोकलाम विवाद कहीं था ही नहीं। बता दें कि सीना वीबो चीन में बेहद लोकप्रिय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है जिस पर 340 मिलियन (34 करोड़) यूजर्स हैं।

चीन के सरकारी मीडिया की ओर से कई बार कोशिश की गई कि भारत के खिलाफ युवाओं के बीच गुस्से और उत्तेजना का माहौल तैयार किया जाए, पर वह ऐसा करने में अब तक नाकाम रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा सकती है कि चीन के आम नागरिकों के मन में भारत को लेकर कभी कोई शत्रुता का भाव नहीं रहा है। हालांकि 2012 में जापान के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन के कट्टरपंथी राष्ट्रवादी देश में एक गुस्से का माहौल बनाने में कामयाब रहे थे, पर उसकी वजह यह थी कि दोनों देशों के बीच का इतिहास विवादों से भरा पड़ा है।

जहां तक भारत के खिलाफ माहौल बनाने की बात है तो कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े पदाधिकारी भी इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से कतराते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भारत-चीन सीमा विवाद की चर्चा बहुत कम है। सीना वीबो पर डाली जाने वाली पोस्ट्स का अध्ययन करने वाले एक शोधार्थी ने बताया कि इस संबंध में डाली गई पोस्ट्स मुश्किल से कुछ हजार होती होंगी। यूजर्स की संख्या और टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर पोस्ट्स डाल रहे यूजर्स के आंकड़े पर नजर डालें तो डोकलाम विवाद को लेकर डाली जाने वाली पोस्ट्स का आंकड़ा बहुत छोटा है। शनिवार को जो मुद्दा टॉप ट्रेंड कर रहा था, उसे 896,592 लोग फॉलो कर रहे थे। जबकि 50वें नंबर पर ट्रेंड कर रहे टॉपिक को 39,039 लोग फॉलो कर रहे थे।

चीन में ’50 सेंट पार्टी’ नाम का एक बड़ा ग्रुप है जिसके सदस्य सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कॉमेंट करते हैं। चीन के रिसर्चर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी तक ’50 सेंट पार्टी’ को यह निर्देश नहीं मिला है कि वह सोशल मीडिया पर भारत को एक आक्रमणकारी के तौर पर पेश करे। शायद सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती क्योंकि एक बार अगर ऐसा हो गया तो फिर ऐसे देश के साथ संबंध सुधारना काफी मुश्किल हो जाता है जो देश के लोगों के नजर में बदनाम हो चुका हो।’ दूसरी तरफ ग्लोबल टाइम्स सहित चीन के सरकारी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा कई दर्जन एक्सपर्ट्स और सरकारी थिंक टैंक के साथ भारत की कमियों को उजागर करने में जुटा है। इसमें सिर्फ सीमा विवाद ही नहीं, बल्कि गरीबी सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर भारत पर निशाना साधने की रणनीति बनाई जा रही है।

बता दें कि चीन के युवा सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं और माना जाता है कि सीनो वीबो के 70 फीसदी यूजर्स 30 साल से कम उम्र के हैं। सबसे ऐक्टिव यूजर इन्हें ही माना जाता है, लेकिन लगता है कि वह घरेलू मुद्दों में ही इतने उलझे हुए हैं कि राष्ट्रवाद की भावना को लेकर बेपरवाह हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जो 50 मुद्दे टॉप ट्रेंड कर रहे थे, उनमें से सिर्फ 2 विदेश से जुड़े थे। बाकी सभी मुद्दे चीन के स्थानीय मसलों और चीनी सिलेब्रिटीज से जुड़े थे।

 

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