तारीखों में, कैसा रहा मिसाइल मैन का सफर

kalam11तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न होने का गौरव देने वाले मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम के जीवन का हर पहलू प्रेरणादायक रहा है। एक अभावग्रस्त परिवार में जन्म लेने वाले कलाम ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पंख दिए। उनके जीवन की एक छोटी सी झलक-
– कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
– उनके पिता जैनुलआबदीन एक मछुआरे थे और उनकी मां आशिअम्मा गृहणी थीं।

– परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते बेहद कम उम्र में ही उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ परिवार की आमदनी में सहयोग देना शुरू कर दिया था।
– परिवार की आमदनी में पिता का हाथ बंटाने के लिए उन्होंने अखबार बांटने का काम शुरू किया।
– हालांकि अपने स्कूली दिनों में कलाम एक औसत छात्र ही थे लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति बेहद मजबूत थी। सीखने की इसी जिज्ञासा ने उन्हें गणित जैसे विषय में भी पारंगत कर दिया था।
– रामेश्वरम में अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम ने आगे की पढ़ाई के लिए तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया जहां उन्होंने साल 1954 में भौतिकी से अपना स्नातक पूरा किया।
– उन्होनें स्नातक के बाद एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में जाना बेहतर समझा, और मद्रास चले गए।
– कलाम का नाम भारत के महान वैज्ञानिकों में लिया जाता है। लेकिन यह जानकर आपको जरूर आश्चर्य होगा, कि एयरोस्पेस इंजिनियरिंग के दौरान उनके डीन ने उनकी प्रोग्रेस को लेकर असंतोष जताया था, और एक प्रॉजेक्ट जिसे उन्हें पूरा करना था, 3 दिनों के भीतर पूरा न करने पर उनकी स्कॉलरशिप रोक देने की चेतावनी भी दी थी।
– मेहनती कलाम ने दिन-रात एक करके प्रॉजेक्ट को समय से पूरा कर लिया जिसके बाद उनके डीन उनसे खासा प्रभावित हुए।
– बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी होगी कि मिसाइल मैन और परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कलाम की ख्वाहिश एक फाइटर पायलट बनने की थी। इसके लिए उन्होंने बाकायदा भारतीय वायु सेना की परीक्षा में भी बैठे और नवां स्थान हासिल किया। लेकिन ये उनका दुर्भाग्य ही था, या फिर देश का सौभाग्य कि तब वायु सेना ने आठवें स्थान तक के उम्मीदवारों का ही चयन किया।
– पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम ने अपने करियर की शुरुआत डीआरडीओ में एक जूनियर साइंटिस्ट के तौर पर की।
– यहां कलाम को वायु सेना के लिए हल्के और छोटे हेलिकॉप्टर्स डिजायन करने का काम सौंपा गया।
– इसके बाद कलाम मशहूर अंतरिक्ष विज्ञानी विक्रम साराभाई की अध्यक्षता वाली INCOSPAR कमिटी से भी जुड़े।
– साल 1969 में कलाम ने इसरो जॉइन किया जहां उन्हें भारत की पहली स्वदेश निर्मित सैटलाइट लॉन्च वीइकल का प्रॉजेक्ट डायरेक्टर नियुक्त किया गया।
– साल 1970 से 1990 के दौरान पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल और सैटलाइट लॉन्च वीइकल प्रॉजेक्ट कलाम के प्रयासों से सफल रहा ।
– साल 1980 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने देश के अडवांस्ड मिसाइल प्रॉजेक्ट की शुरुआत उनके नेतृत्व में शुरू की।
– इस दौरान कलाम ने पृथ्वी और अग्नि मिसाइलों के विकास में अहम भूमिका अदा की।
– नब्बे दशक में भारत के पहले परमाणु परीक्षण ‘ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा’ का भी मुख्य हिस्सा रहे।
– इसके बाद से ही उन्हें मिसाइस मैन के नाम से जाना जाने लगा।
– उनकी उपलब्धियों और देश के प्रति योगदान के मद्देनजर उन्हें साल 2007 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
– कलाम साल 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति भी रहे।
– बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय कलाम और एक शिक्षक के तौर पर मशहूर कलाम का 27 जुलाई 2015 को एक लेक्चर देते हुए ही दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button