तो अपनी इस ‘चाल’ से कुमार विश्वास को निपटाना चाहते हैं केजरीवाल

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में इस वक्त जो हालात हैं उन्हें देखकर तो ऐसा ही लगता है कि शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की आंख में कुमार विश्वास किसी कांटे की तरह चुभ रहे हैं। वो शायद इस कांटे को निकलना चाहते हैं। वो भी कुछ इस अंदाज में कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे। दरसअल, इस वक्त आम आदमी पार्टी के भीतर राज्यसभा का घमासान मचा हुआ है। दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटें खाली होने वाली हैं। सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा होगा। लेकिन, केजरीवाल किसे राज्यसभा भेजेंगे इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन, इस रेस में कुमार विश्वास के अलावा संजय सिंह और आशुतोष भी शामिल हैं।
ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि तीन सीटें और तीन ही लोग रेस में हैं तो फिर दिक्कत कहां है। दिक्कत कुमार विश्वास को लेकर है। इसके साथ ही कई ऐसे भी नाम हैं जो इस वक्त बेशक रेस में ना दिख रहे हों लेकिन, दौड़ में शामिल हैं। इन सब के बीच कुमार विश्वास को अब राजस्थान से उपचुनाव लड़ाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है। पार्टी उन्हें राजस्थान का प्रभारी बना चुकी है। अजमेर में लोकसभा का उपचुनाव होना है। ऐसे में राजस्थान के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचा। राजस्थान के नेताओं ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी के सदस्यों से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है। ये लोग चाहते हैं कि कुमार विश्वास को लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए।
बेशक आम आदमी पार्टी कई महीनों से राजस्थान में सक्रिय हो लेकिन, वो अजमेर के लोकसभा का उपचुनाव जीत पाएगी इस पर संदेह बरकरार है। माना जा रहा है कि राजस्थान के नेताओं की ओर से ये मांग उठाई नहीं बल्कि उठवाई गई है। ताकि कुमार विश्वास की राज्यसभा की दावेदारी खत्म की जा सके। हर किसी को पता है कि आम आदमी पार्टी किसी भी सूरत में अजमेर उपचुनाव को जीतने की स्थिति में नहीं है। जबकि राज्यसभा में केजरीवाल जिसे चाहें भेज सकते हैं। वो भी बिना किसी रुकावट के। हालांकि राजस्थान के नेताओं का कहना है कि कुमार विश्वास राज्य में काफी पॉपुलर हैं। जिसका फायदा पार्टी को मिल सकता है। इसके साथ ही उनकी ससुराल भी राजस्थान में ही है। इस नाते भी वो इस सीट पर अपना हक जता सकते हैं।
राजस्थान के नेताओं का कहना है कि कुमार विश्वास के भीतर युवाओं को एकजुट करने की क्षमता है। वो राज्य में दो हजार से भी ज्यादा कवि सम्मेलन कर चुके हैं। ये नेता दावा करते हैं कि हमारी पार्टी राजस्थान के कॉलेजों में छात्र संघ का भी चुनाव जीत चुकी है। ऐसे में पार्टी के सामने जीत का बहुत बड़ा संकट नहीं है। अगर कुमार विश्वास यहां से चुनाव जीत जाते हैं तो 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेगी। इससे पहले कुमार विश्वास को आम आदमी पार्टी राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी का भी चुनाव लड़ा चुकी है। लेकिन, 2014 का ये चुनाव भी वो हार गए थे। लेकिन, एक बात तय है कि अगर कुमार विश्वास अजमेर का उपचुनाव लड़ते हैं तो यकीनन वो अपनी राज्यसभा की दावेदारी खो बैठेंगे। बहुत से लोग यही चाहते भी हैं।
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