………. तो क्या केजरीवाल के माफ़ी मांगने का दौर शुरु हो गया है

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल आजकल माफी मांगने में जुटे हैं। तमाम बड़े लोगों पर जिन झूठे आरोपों को लगाकर वो रातोंरात नेता बन गए अब उन आरोपों का हिसाब देने का वक्त चल रहा है। अभी एक दिन पहले ही उन्होंने यूपी से बीजेपी के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भडाना से लिखित माफी मांगी है। इसके पहले न्यूज़लूज़ पर हमने आपको बताया था कि कैसे वो वित्त मंत्री अरुण जेटली की मान-मनौव्वल में जुटे हैं। केजरीवाल जेटली से भी लिखित माफी मांगने को तैयार हैं और इस बारे में अपने संदेशवाहक को वो कई बार जेटली के पास भेज चुके हैं। दरअसल केजरीवाल करीब एक दर्जन मानहानि के मुकदमों में घिरे हुए हैं। ज्यादातर मामले 2015 तक के हैं, जब वो बिना सोचे-समझे या बिना किसी सबूत के हर किसी पर ऊलजलूल आरोप मढ़ दिया करते थे।
सवाल यही है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री आखिर कितनी बार कोर्ट में कान पकड़ कर खड़े होंगे? उन पर अभी परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कपिल सिब्बल के बेटे ने भी 1-1 मुकदमा कर रखा है। मानहानि के मामलों में केजरीवाल का खाता सबसे पहले 2013 में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने खोला था। तब उन्होंने शीला दीक्षित पर करप्शन के कुछ ऐसे आरोप लगाए थे, जिन्हें वो आज तक साबित नहीं कर पाए। इसके अलावा बीजेपी के कार्यकर्ता अंकित भारद्वाज ने 1 रुपये मानहानि का मुकदमा ठोंक रखा है, क्योंकि केजरीवाल ने कपिल मिश्रा पर हमले के मामले में अंकित भारद्वाज पर झूठा आरोप लगाया था। इन सारे मुकदमों पर बारी-बारी फैसले की घड़ी करीब आ रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमद पटेल से अपनी करीबी का फायदा उठाकर केजरीवाल कांग्रेस नेताओं के मुकदमे से तो सस्ते में छूट जाएंगे, लेकिन बीजेपी के नेता उन्हें आसानी से बख्शने के मूड में नहीं हैं।
अवतार सिंह भडाना ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर मामले की जानकारी दी है।
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