तो योगेंद्र यादव के डर से केजरीवाल ने उठाया यह कदम?

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस तरीके से अपने मंत्री असीम खान को हटाने की घोषणा उससे मीडिया की सारी सुर्खियां दब गईं। केजरीवाल की कार्रवाई मीडिया में छा गई और वह अचानक टीवी पर दमदार तरीके से आए। केजरीवाल ने ऐसा लाइव टेलिविजन के जरिये किया। ऐसा शायद ही किसी ने अपने मंत्री को हटाने की घोषणा की होगी। असीम अहमद खान दिल्ली सरकार में खाद्य और पर्यावरण मंत्री थे। केजरीवाल ने उन्हें बिल्डर के साथ साठगांठ वाले ऑडियो क्लिप आने के बाद हटाने की घोषणा की। इस मामले की जांच केजरीवाल ने सीबीआई को सौंप दी है। केजरीवाल ने कहा हमें इसी तरह की कार्रवाई किसी भी बड़े नेता के खिलाफ करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
केजरीवाल के इस तरीके पर कई सवालों की जमीन भी तैयार हो गई है। क्या केजरीवाल इस बात से आशंकित थे कि उनसे पहले कोई असीम का ऑडियो पब्लिक कर देगा और फिर वह खुद को बैकफुट पर पाएंगे? आम आदमी पार्टी के संस्थापक रहे और वर्तमान में स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव के ट्वीट से कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।
2 weeks ago someone told me about some audio involving Asim in 6 lakh bribe. I asked for recording & verification before acting on the info.
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 9, 2015
केजरीवाल ने अपनी कार्रवाई को पार्टी की कड़ी ईमानदारी के रूप में पेश करने की कोशिश की। उन्होंने बताने की कोशिश की है कि आम आदमी पार्टी में नैतिकता और ईमानदारी का यह स्तर है। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मैं अपने बेटे को भी बर्दाश्त नहीं करूंगा। मनीष समेत कोई भी भ्रष्टाचार के मामले आएगा तो बख्शने का सवाल ही नहीं उठता।’ केजरीवाल ने इसी तरह की बात पहले भी की थी। उन्होंने कहा कि मैं यहां सत्ता के लिए नहीं हूं। केजरीवाल की इन बातों को लोगों ने हाथोंहाथ दो साल पहले भी लिया था। तब उन्होंने 49 दिनों में सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी। इसकी वजह उन्होंने जनलोकपाल बिल पास नहीं होना बताई थी।
दिल्ली की 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 67 सीटों पर जीत मिली थी। इस जीत के बाद से केजरीवाल के कई विधायक सवालों के घेरे में रहे। आप से बाहर किये गए प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दावा किया था उन्होंने कई पार्टी नेताओं के बारे में केजरीवाल को सूचना दी थी लेकिन उन्होंने उपेक्षा की थी। जब बीजेपी ने सोमनाथ भारती और जितेंद्र सिंह तोमर पर सवाल उठाना शुरू किया तो आम आदमी पार्टी ने वसुंधरा राजे सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान को घेरा।
केजरीवाल ने असीम का मामला सीबीआई को सौंपने से पहले मीडिया में जिस तरीके से बात रखी उसमें आरोप सच की तरह आया। असीम ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह जल्द ही खुलासा करेंगे। हालांकि केजरीवाल ने जो बात कही उससे कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि यह असीम के खिलाफ साजिश है। उन्होंने बिल्कुल सच की तरह मीडिया के सामने आरोप को पेश किया। यदि यह गलत होगा तो साफ है कि केजरीवाल ने असीम की साख का खयाल बिल्कुल नहीं किया। दिल्ली के सीएम ने इस कार्रवाई के जरिये सोमनाथ भारती और जितेंद्र सिंह तोमर पर कार्रवाई में हुई देरी से बिगड़ी छवि को भी दुरुस्त करने की कोशिश की है।
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