थूक कर कितनी बार चाटेंगे राहुल गॉंधी, अब तो पाकिस्तानी भी कहने लगे कंफ्यूज्ड

अजीत झा

बचपन में पढ़ा था थूक कर चाटना। यानी अपनी ही बातों से मुकर जाना। बीते कुछ सालों से जिस एक व्यक्ति को बार-बार इस मुहावरे पर खरे उतरता देख रहा हूँ, वो कोई और नहीं देश के इकलौते चिर युवा 49 वर्षीय राहुल गॉंधी हैं।

अब तो हालत यह हो गई है नेहरू-गॉंधी परिवार के अपने इस लाडले को पाकिस्तानी भी कंफ्यूज्ड कहने लगे हैं। वैसे, राहुल गॉंधी की बाल बुद्धि और बाल हठ से देश अरसे से परिचित है। जब से उन्हें मोदी के मुकाबिल खड़ा करने की कोशिश की गई उनका यह गुण बार-बार प्रकट होने लगा और हर बार वे ‘गलती हो गई माफ कर दो’ वाले भाव में आ जाते हैं।

श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटा दिए गए राहुल गॉंधी ने कहा ‘कश्मीर में लोग मर रहे हैं’। पाकिस्तान ने बिना वक्त गॅंवाए उनके बयान को लपका और अपने प्रोपगेंडा के साथ संयुक्त राष्ट्र पहुॅंच गया। फिर राहुल ने सफाई देते हुए कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया। कहा कि वहॉं हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, जो पूरी दुनिया में आतंकवाद के पैरोकार के तौर पर पहचान रखता है।

ज्यादा दिन नहीं बीते जब अपनी इस हरकत के कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट से डॉंट मिली थी। 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में कुछ गोपनीय दस्तावेज के आधार पर दोबारा सुनवाई की बात कही। राहुल ने इसे गलत तरीके से पेश करते हुए कहा कि अदालत ने भी चौकीदार को चोर मान लिया है। उस समय भी उन्होंने माफी मॉंग अपनी जान छुड़ाई थी।

इसी साल छह जनवरी को उन्होंने ट्वीट कर तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से एचएएल को एक लाख करोड़ रुपए ऑर्डर देने का सबूत पेश करने या इस्तीफा देने को कहा। कुछ ही घंटों में एचएएल ने राहुल को ट्वीट कर झूठा बताया। कहा- उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है। 15 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों और 83 हल्के लड़ाकू विमानों का ऑर्डर अपने अंतिम चरण में है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बयान से राहुल पहले भी देश की फजीहत करा चुके हैं। जुलाई 2018 में फ्रांस के राष्ट्रपति का हवाला दे राफेल डील को लेकर मनगढ़ंत दावे किए। चंद घंटों के भीतर ही फ्रांस की सरकार ने कहा कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष झूठ बोल रहे हैं।

इन प्रकरणों को सत्ता सुख से दूरी की हताशा मान कर आँख मूॅंद भी लें, पर उन बयानों का क्या जिसके मार्फत राहुल ने लोकतंत्र की साख को तब डूबोया जब कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार हुआ करती थी। यह और बात है कि उस समय राहुल के मुॅंह खोलते ही वाह जहॉंपनाह का शोर इतना ज्यादा होता था कि मीडिया गिरोह को सब कुछ ऐतिहासिक ही लगता था।

याद कीजिए किस तरह 2008 में आत्महत्या करने वाले एक किसान की पत्नी कलावती के नाम पर राहुल ने कैसे वाहवाही लूटी थी। इस घटना के दो साल बाद कलावती की बेटी ने आत्महत्या कर ली। कुछ साल बाद कलावती ने यह कहते हुए आत्महत्या की धमकी दी कि उसने एक लाख रुपए कपास की खेती में लगाए थे। आधे डूब गए। सरकारी ने मदद नहीं की तो वह जान दे देगी। कलावती को पोस्टर वूमेन बनाने के बाद राहुल की पार्टी पॉंच साल से ज्यादा समय तक सरकार में रही, लेकिन एक कलावती की जिंदगी नहीं बदली।

याद कीजिए 27 सितंबर 2013 को। दागी सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को बचाने वाले मनमोहन सरकार के अध्यादेश को कैमरे के सामने फाड़ते राहुल गॉंधी। उस समय कहा गया था कि यह अध्यादेश लालू यादव जैसे सजायाफ्ता को बचाने के लिए केंद्र सरकार लेकर आई थी। राहुल की खूब वाहवाही हुई। लेकिन, 2014 के बाद उन सभी तस्वीरों और बयानों को याद कीजिए जिनमें राहुल और लालू हाथ थामे और एक-दूसरे की तारीफ करते नहीं अघाए। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले राहुल ने बिहार के उस बाहुबली विधायक को भी बगलगीर बना लिया था, जिसके घर से हाल ही में एके47 मिला है।

यही कारण है कि पलटी मारने के बाद झट से पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने राहुल गॉंधी को कंफ्यूज्ड बता दिया। पर देश और लोकतंत्र का दुर्भाग्य देखिए राहुल की थूक कर चाटने की आदत शशि थरूर जैसे कॉन्ग्रेसी सांसद ‘बहुत सही मालिक’ कह कर अब भी डिफेंड कर रहे हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button