दिल्ली लाया जा रहा है डॉ. कलाम का पार्थिव शरीर, PM जाएंगे एयरपोर्ट

kalam-6तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/शिलॉन्ग। दिल का दौरा पड़ने से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार शाम निधन हो गया। 83 साल के डॉ. कलाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलॉन्ग में लेक्चर दे रहे थे। उसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे बेहोश हो गए। उन्हें शिलॉन्ग के बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन शाम 7.45 बजे अस्पताल ने उनके निधन की घोषणा की। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. जॉन ने इस बात की पुष्टि की है। डॉ. जॉन ने बताया कि 7 बजे उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। कलाम के निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। खबर है कि डॉ. कलाम के पार्थिव शरीर को लेने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी और कई मंत्रियों के एयरपोर्ट जाएंगे। एयरपोर्ट से उनका पार्थिव शरीर राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उसे उनके गृह नगर रामेश्वरम ले जाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
शिलांग में गूंजा ‘कलाम अमर रहे’ का नारा
शिलांग में जैसे ही लोगों को उनके निधन के बारे में पता चला हजारों लोग अपने चहेते वैज्ञानिक और नेता को श्रद्धांजलि देने बेथनी अस्पताल के बाहर जमा होने लगे। अस्पताल के बाहर ‘कलाम अमर रहे’ के नारे गूंजने लगे।
सात दिन का राष्ट्रीय शोक
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के सम्मान में देश भर में सात दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। गृह मंत्रालय के अनुसार कलाम के सम्मान में 27 जुलाई से 02 अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इस अवधि के दौरान देशभर में सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस दौरान सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के मनोरंजन कार्यक्रम या समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।
पृथ्वी पर लेक्चर देने गए थे शिलॉन्ग
IIM, शिलॉन्ग में डॉ. कलाम लिवेबल प्लैनेट अर्थ सब्जेक्ट पर लेक्चर दे रहे थे। इस बारे में उन्होंने ट्वीट भी किया था, जो उनका आखिरी ट्वीट साबित हुआ। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे कलाम ने 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वे मिसाइलमैन के रूप में भी मशहूर रहे।
‏डॉ. कलाम का आखिरी TWEET
 @APJAbdulKalam
Going to Shillong.. to take course on Livable Planet earth at iim.
With @srijanpalsingh and Sharma.
 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया था याद
@APJAbdulKalam
Today is anniversary of operation Vijay … on this day my respect to all the soldiers who served the nation in such difficult times.
 कौन थे कलाम
– 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वर में जन्मे डॉ. कलाम लम्बे समय तक डीआरडीओ से जुड़े रहे।
– देश के पहले स्वदेशी उपग्रह पीएसएलवी-3 के विकास में अहम योगदान दिया था।
– पृथ्वी और अग्नि जैसी मिसाइलें बनाने में बड़ा रोल।
– 1998 के पोकरण परमाणु परीक्षण को लीड किया।
– 1997 में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजे गए।
– पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार रहे।
– सोशल मीडिया पर सक्रिय थे।
– खाली समय में संगीत सुनने का शौक था।
– बचपन में पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए अखबार तक बेचा।
– ताउम्र अविवाहित रहे।
 एक सपना रह गया अधूरा
 डॉ. कलाम का एक सपना अधूरा रह गया। वह इन दिनों एक किताब लिख रहे थे। किताब के सह लेखक व्ही पोनराज ने बताया कि कलाम तमिल भाषा में एक किताब लिख रहे थे। इस किताब के सात अध्याय लिखे जा चुके हैं। इस किताब को विजन 2020 का सामानांतर संस्करण है। इसमें तमिलनाडु के विकास पर विस्तार से बताया गया है। सह लेखक पोनराज कहते हैं कि कलाम से उनकी किताब के संबंध में 23 जुलाई को अंतिम बार बातचीत हुई थी।
 

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