दिल्ली NCR में Mc Donald’s के 80 % स्टोर्स पर लगने वाले हैं ताले

नई दिल्ली। मैकडॉनल्ड्स दिल्ली-एनसीआर में अपने 80 फीसदी स्टोर बंद कर रहा है। जिसकी शुरुआत उसने आज से कर ली है। CPRL बोर्ड ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए दिल्ली में चल रहे 55 से 43 मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को गुरुवार से बंद करने का फैसला कर लिया है। उत्तर और ईस्ट इंडिया के 168 रेस्ट्रॉन्ट्स ऑपरेट करने वाले कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) को आउटलेट्स को बंद करने के लिए मजबूर किया गया।

क्योंकि मैकडॉनल्ड्स नियामक स्वास्थ्य के क्लीयरेंस पाने में असफल रहा। मैकडॉनल्ड्स के लिए भारत बड़ा बाजार बन गया है इसलिए उसे इस कदम से बड़ा झटका लगेगा। साल 2013 से पिज़्ज़ा चैन में डोमिनोज़ की बादशाहद के बाद से मेक डी लगातार ढलान पर था, लेकिन भारत की मौजूदा मुश्किलों के लिए एक विवाद जिम्मेदार है।  दिल्ली एनसीआर में इस फैसले से लगभग 1700 लोग बेरोजगार हो जायेंगे।

दरअसल मेक्डोनाल्ड पर आयी इस मुसीबत का सबसे बड़ा कारण सीपीआरएल के फॉर्मर एमडी विक्रम बख्शी और उनके बीच शुरू हुआ विवाद है। बख्शी और उनकी पत्नी अब भी सीपीआरएल बोर्ड में हैं। सूत्रों के मुताबिक, बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच चल रही लड़ाई के बीच CPRL मैंडेटरी हेल्थ लाइसेंस रिन्यू कराने में फेल हो गई है।

ये विवाद तब शुरू हुआ जब 2013 में बख्शी को नाटकीय तरीके से CPRL के मैनेजिंग डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया गया था। इसके बाद बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हो गई, जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया।

मैकडॉनल्ड्स लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन में बख्शी के खिलाफ मुकदमा लड़ रही है। वेस्टलाइफ डिवेलपमेंट लिमिटेड ने अपनी सब्सिडियरी हार्डकासल रेस्तरां प्राइवेट लिमिटेड (HRPL) के जरिए वेस्ट और साउथ इंडिया में मैकडॉनल्ड्स ब्रैंड के तहत बिजनस के मास्टर राइट्स लिए हुए हैं। कंपनी अभी 242 रेस्तरां चला रही है।

इस विवाद के चलते ही सीपीआरएल के राजस्व में भी जोरदार गिरावट आयी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सीपीआरएल की राजस्व वृद्धि 2014-15 में 2010-11 में 29 प्रतिशत से घटकर 6 फीसदी पर आ गई।

 

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