धोनी ने बताया आखिरी ओवर में क्या चल रहा था दिमाग में

thrillerतहलका एक्सप्रेस, कानपुर। भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में लक्ष्य तक पहुंचाने में नाकाम रहने वाले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रविवार को अपने बचाव में कहा कि फिनिशर के रूप में उनका काम ‘जुआ’ है और जब वह नाकाम रहते हैं तो इसका दोष अपने ऊपर लेते हैं।

 भारत को आखिरी ओवर में 11 रन चाहिए थे लेकिन धोनी इसमें असफल रहे। उन्होंने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हां जब आप बल्लेबाजी क्रम में नीचे आते हो तो फिर आपको हार का दोष स्वीकार करना होगा। जब आपने कई मैचों में टीम को जीत दिलायी हो तब लोग उन मैचों को याद करते हैं जिनमें आप नाकाम रहे हों।’

धोनी और स्टुअर्ट बिन्नी (दो) ने 50वें ओवर में बड़े शॉट खेलने के प्रयास में कैच दिए और भारत पांच रन से हार गया। धोनी ने अपनी भूमिका में नाकाम रहने के बारे में कहा, ‘ फिनिशर की भूमिका में खेलना एक जुआ है। कई बार यह चलता है और कुछ अवसरों पर नहीं चल पाता। लेकिन टीम में यह मेरी भूमिका है। मुझे इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच और श्रीलंका के खिलाफ राजकोट में एक मैच याद है जहां मैं टीम की मदद नहीं कर पाया था।’


उन्होंने कहा, ‘आपको बड़े शॉट खेलने पड़ते हैं और यदि गेंद बल्ले पर आ रही हो तो आप गेंदबाज की तेजी का उपयोग कर सकते हो। लेकिन इस तरह के विकेट पर हिट करना मुश्किल होता है जहां औसत उछाल में भी गेंद नीचे रह रही थी। इसके अलावा जब आप बड़े शॉट खेलते हो तो इसके दोनों तरह के परिणाम हो सकते हैं। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आखिरी ओवर में शॉट का चयन अच्छा नहीं था।’ आखिरी ओवर में उनके दिमाग में क्या चल रहा था, इस सवाल पर धोनी का जवाब था, ‘मारो।’

 

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