नवाज शरीफ के मंत्री का सबसे बड़ा खुलासा, 10 साल में तहस नहस हो जाएगा पाकिस्‍तान!

pakistan-economyइस्‍लामाबाद। सूखी रोटी खाकर भी भारत को करारा जवाब देने के सपने देखने वाला पाकिस्तान रूखी-सूखी खाने हो ही मजबूर है। पाकिस्तान की अर्थव्‍यवस्‍था आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। आज जहां भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बना चुका है। दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है। वहीं पाकिस्तान के सामने अपने अस्तित्व को लेकर ही खतरा पैदा हो गया है। दाने-दाने को मोहताज हो चुका है पाकिस्तान। उधार की अर्थव्यवस्था बन चुका है पाकिस्तान। हर साल 50 बिलियन डॉलर यानी 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए कर्ज चुकाता है पाकिस्तान। यहां तक की कर्ज उतारने के लिए कर्ज लेता है पाकिस्तान।पाकिस्तान के एक मंत्री ने यह सच दुनिया के सामने रखा है। पाकिस्‍तान के शिक्षा मंत्री मेहताब हुसैन ने खुद अपनी सरकार को चेताया है कि अगर अगले 10 सालों में पाकिस्तान की इकॉनमी नहीं सुधारी गई तो उसका हाल ग्रीस की इकॉनमी की तरह हो जाएगा। मेहताब हुसैन ने बयान पाकिस्तान की इकॉनमी पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिया। कार्यक्रम में मेहताब हुसैन ने नवाज शरीफ को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में जबरदस्‍त सामाजिक विषमता है अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्‍टाचार चरम पर है। जिसे पाकिस्तान की इकॉनमी ज्यादा दिन नहीं सहन कर पाएगी और एक दिन चरमरा कर धराशायी हो जाएगी। हुसैन ने कहा कि पाकिस्‍तान, सामाजिक और आर्थिक तूफान की तरफ बढ़ रहा है, यह आर्थिक तूफान मौजूदा अर्थव्‍यवस्‍था और पाकिस्‍तान के भविष्‍य को तहस-नहस कर देगा।

भारत के साथ तनाव ज्यादा दिन रहा तो पाकिस्तान हो जाएगा बर्बाद-पाकिस्तान के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ असद जमान के अनुसार भारत से तनाव के चलते खतरनाक परिणाम सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान को ही भुगतने पड़ेंगे। भारत मजबूत स्थिति में है और पाक अर्थव्यवस्था चरमरा रही है।

पाकिस्तान को भारत से नसीहत लेने की जरूरत- पाकिस्तान के एक दूसरे अर्थशास्त्री डॉ कैसर के अनुसार पाकिस्तान को भारत से नसीहत लेने की जरूरत है, क्योंकि अर्थव्यवस्था दुश्मनी नहीं देखी। नवाज सरकार को चाहिए कड़वे फैसले लें, नहीं तो स्थिती गंभीर हो जाएगी।

पाकिस्तान की इकॉनमी कंगाली के कगार पर, जानिए क्या है हालत…
– आतंकवाद, खराब कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, महंगाई पाकिस्तान में चरम पर है।
– पाकिस्तान सरकार की माली हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
– पाकिस्तान में एक लीटर दूध की कीमत भारत से दुगनी है 90 रूपए प्रति लीटर है।
– ग्रीस की तरह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी उधार पर आधारित हो गई है।
– घर खरीदना हो तो उधार, पढ़ाई करनी हो तो उधार, कर्ज की किश्त चुकानी हो तो उधार।
– इसकी दो बड़ी वजह हैं एक- इकॉनमी को मजबूत करने से ज्यादा हथियारों पर खर्च।
– दूसरा दुनियाभर से लिया गया 163 बिलियन डॉलर यानी 17 ट्रिलियन रुपये का कर्ज।
– पाकिस्तान की 98 फीसदी आबादी टैक्स नहीं देती, 2/3 सांसद भी टैक्स नहीं देते।
– पिछले कई दशकों से अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लोन के सहारे चल रही है।
– हर साल उसे कुल टैक्स रेवेन्यू का 44 फीसदी बतौर ब्याज चुकाना पड़ता है।
– कुल 232bn डॉलर की अर्थव्यवस्था, 50 बिलियन डॉलर हर साल का कर्ज जाता है।
– भारतीय रुपए में ये रकम 3 लाख, 40 हजार करोड़ रुपए बन जाती है।
– पाकिस्तान का कुल बजट 8 लाख 43 हजार करोड़ रुपए का है।
– हर पाकिस्तान के ऊपर 1 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज है।
– कर्ज की किश्त चुकाने के लिए भी पाकिस्तान ने कई बार कर्जा लिया है।
– 2013 में कर्ज चुकाने के लिए IMF से 7 बिलियन डॉलर का कर्जा लिया।
– हर साल यूएस, चीन पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने के लिए लाखों डॉलर देते हैं।
– लेकिन वो इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ आंतकवाद को बढ़ावा देने में करता है।
– भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान को 175 देशों में 126 नंबर पर है।
– पाकिस्तान दुनिया के 10 अस्थिर देशों की लिस्ट में टॉप 5 में है।

 

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