नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के फैसले पर शरद यादव ने तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली। बिहार में जेडीयू के महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी के साथ जाने के फैसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने चुप्पी तोड़ी है. माना जा रहा था कि शरद यादव नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से नाराज थे. जिस दिन (गुरुवार 27 जुलाई) नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से सीएम पद की शपथ उस वक्त तक शरद यादव ने इस पर कुछ भी नहीं है. लेकिन इसके बाद जेडीयू सांसद अली अनवर के बयान और कुछ और नेताओं की नाराजगी के बाद शरद यादव ने शाम को अपने निवास पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई.
इस बैठक के बाद ये बयान बयान सामने आया कि शरद जी या पार्टी के किसी भी सदस्य को नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के फैसले के बारे में नहीं बताया गया. शरद यादव ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय मांगा था.
तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि शरद यादव नीतीश के फैसले के खिलाफ है और वे अलग पार्टी बना सकते है. परंतु उनकी चुप्पी ने कयासों को कयास ही रहने दिया. लेकिन आज शरद यादव ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट कर ये साफ कर दिया है कि वो नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने से खुश नहीं है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा.
“ना ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य स्लोगन था और ना ही पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें कोई पकड़ा गया है”
आपको बता दें कि जिस दिन (27 जुलाई) नीतीश ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सीएम पद की शपथ ली. उस दिन के घटनाक्रम में ही ये बात भी सामने आई की बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शरद यादव से बात की है. शरद यादव की चुप्पी के बाद मीडिया में यहां तक खबरें भी आने लगी की शरद जी जेटली की बात मान चुके. लेकिन आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने शरद से लगातार संपर्क बनाए रखा था. एक चैनल पर तो लालू यादव ने ये तक कहा कि मेरी शरद जी से फोन पर बात हुई है और वो हमारे साथ है.
बुधवार को नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार खात्मा हो गया. इसके तत्काल बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और उन्होंने गुरुवार को सुबह 10 बजे दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. वहीं सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि ”मैंने बिहार के हित में फैसला लिया है. मेरी जवाबदेही बिहार के प्रति है. वक्त आने पर सबको जवाब दूंगा.” उन्होंने शुक्रवार को सदन में विश्वासमत भी हासिल कर लिया.
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