नेताजी ने कहा- अखिलेश यादव का भविष्य ख़त्म

पार्टी चीफ के अलावा किसी को भी राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का हक़ नहीं
शुक्रवार शाम को शिवपाल यादव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम ने कहा कि पार्टी चीफ के अलावा किसी को (रामगोपाल) राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाने का हक़ नहीं है। अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए नेताजी ने कहा, “रामगोपाल ने पार्टी को कमजोर किया है इसके लिए उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बर्खास्त किया जाता है।” हालांकि अखिलेश को लेकर उन्होंने कुछ नहीं किया। उधर, शो काज नोटिस को लेकर रामगोपाल ने कहा, बयानों के लिए तो नोटिस मिलते रहते हैं इसमें नया क्या है?
Ram Gopal Yadav suspended from the party for six years for indiscipline: SP Chief Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/qVaB6cTHX5
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2016
बता दें कि इनमें अखिलेश की लिस्ट में उन सभी मंत्रियों और विधायकों के नाम हैं, जिनका बुधवार को मुलायम सिंह द्वारा घोषित अनाउंसमेंट में टिकट काट दिया गया था। अखिलेश की लिस्ट में पवन पांडेय, इंदल रावत, अरविंद सिंह गोप, अतुल प्रधान, बृज लाल सोनकर, राम गोविन्द चौधरी के नाम प्रमुखता से शामिल हैं। अखिलेश की लिस्ट में अतीक अहमद, रामपाल यादव, अमरमणि त्रिपाठी, शादाब फातिमा, नारद राय, ओपी सिंह के नाम नहीं हैं। ये सभी नेता शिवपाल के समर्थक हैं। अखिलेश इन नामों पर पहले भी आपत्ति दर्ज कर चुके हैं।
Ram Gopal Yadav issues statement; calls for emergency national executive meet of SP on 1 Jan, urges members to join in party’s favour. pic.twitter.com/0wP0bXK4u7
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2016
बता दें कि गुरुवार अखिलेश की अनाउंसमेंट के कुछ ही देर बाद रात में शिवपाल ने मुलायम के घर जाकर मुलाक़ात की और फिर 68 नए उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की। इस तरह अब तक सपा ने तीन बार में 393 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसमें मौजूदा विधायकों की संख्या 206 है जबकि 187 नए चेहरे हैं।
गुरुवार को इससे पहले मुलायम सिंह के टिकट बंटवारे से नाखुश अखिलेश ने समर्थक विधायक और मंत्रियों के साथ लखनऊ में मीटिंग की। उन्होंने अपने समर्थकों को चुनाव लड़ने का निर्देश दिया था। मीटिंग के दौरान पार्टी समर्थकों ने बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। समर्थकों ने कहा भी था कि अब वक्त आ गया है कि अखिलेश बड़ा कदम उठाए। सभी उनके साथ हैं। मीटिंग के दौरान अरविंद सिंह गोप ने अमर सिंह पर जमकर निशाना साधा। गोप अखिलेश के बेहद करीबी हैं और उनका टिकट काट दिया गया था।
अखिलेश के समर्थन में आए रामगोपाल
शुक्रवार को रामगोपाल यादव ने साफ़ कह दिया कि अब समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने शिवपाल पर भी परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, “एक शख्स की वजह से सारी समस्याएं हो रही हैं। रामगोपाल ने गुरुवार को भी अखिलेश के समर्थन में खुलकर बयान दिया था। एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा था, बहुत सारी ऐसी शक्तियां हैं, पार्टी में भी एकाध लोग ऐसे हैं जो यह नहीं चाहते कि अखिलेश दोबारा मुख्यमंत्री बनें।
मुलायम से मिले तल्ख़ भाषा में जताई नाराजगी
अखिलेश ने टिकट बंटवारे को लेकर मुलायम सिंह यादव से गुरुवार को मुलाक़ात की थी। इस दौरान शिवपाल, मुलायम और अखिलेश के बीच एक घंटे तक गर्मा-गर्म बहस हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ मुलाक़ात के दौरान अखिलेश की मुद्रा काफी तल्ख़ थी। उन्होंने कड़े शब्दों में टिकट बंटवारे पर असंतोष जताया। उन्होंने कुछ नेताओं के टिकट काटे जाने की वजह पूछा। नेताजी ने बताया कि उनके खिलाफ रिपोर्ट खराब है। हालांकि इस दौरान कुछ नामों पर उन्होंने पुनर्विचार का भरोसा भी दिया। इसके बाद अखिलेश ने अपने समर्थकों को अलग से चुनाव लड़वाने का संकेत दे दिया था।
चाचा के करीबी को किया बर्खास्त
इससे पहले बुधवार को समाजवादी पार्टी ने साफ़ किया कि वह उत्तर प्रदेश में किसी भी दल के साथ फिलहाल गठबंधन नहीं करेगा। शिवपाल यादव की मौजूदगी में मुलायम सिंह ने विधानसभा की 403 सीटों के लिए 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इससे यह साफ़ हो गया था कि गठबंधन और उम्मीदवारों के नाम तय करने में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नहीं सुनी गई। देर शाम तक नाराज अखिलेश ने जवाबी कार्रवाई करते हुए शिवपाल के करीबी आवास विकास परिषद् की उपाध्यक्ष सुरभि शुक्ला और उनके पति डॉक्टर संदीप शुक्ला को बर्खास्त कर दिया है। संदीप शुक्ला यूपी राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) में सलाहकार थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार सुलतानपुर से उन्हें टिकट भी दिया जा रहा है। दोनों पति-पत्नी शिवपाल यादव के बेहद करीबी बताए जाते हैं। टिकट बंटवारे से अखिलेश बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। जिन विधायकों का टिकट कटा है, ज्यादातर अखिलेश के समर्थक हैं।
गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते थे अखिलेश
अखिलेश चाहते थे कि राज्य में कांग्रेस और रालोद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाए। अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के भाई को टिकट देने से भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। लेकिन उनके ही करीबी मंत्रियों और विधायकों का कट कट गया। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। नेताजी ने यह भी साफ़ कर दिया कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम अनाउंस नहीं होगा। उनके साथ शिवपाल यादव भी मौजूद थे। अखिलेश ने टिकट बंटवारे पर कहा कि वे नेताजी से मिलकर फिर बातचीत करने को कहा था।
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