नोटबंदी पर ममता की मुहिम को झटका, जेडीयू ने खींचे पांव, एसपी-बीएसपी-लेफ्ट पर भी सस्पेंस

opposition-in-parliamentनई दिल्ली। दिल्ली में नोटबंदी को लेकर विपक्ष की बैठक होने जा रही है। इससे पहले, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि इस बैठक में समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और लेफ्ट हिस्सा नहीं लेगी। वहीं, जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के भी आने की कम संभावना है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा लेने आ रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक एसपी, बीएसपी, लेफ्ट और जेडीयू को ये दिक्कत है कि ममता बनर्जी और राहुल गांधी की अध्यक्षता में वो कैसे दिखें। उनका मानना है कि अगर ये विपक्ष का साझा कार्यक्रम है तो पहले इसे तय किया जाए। जेडीयू सांसद केसी त्यागी ने कहा कि समूचे विपक्ष को पहले कार्यक्रम की जानकारी दी जानी चाहिए। बैठकों के मसौदे तय होते हैं, कोई एक कार्यक्रम नहीं होता है। देश में असमानता है, सांप्रदायिक सद्भाव समाप्त हो रहा है। आखिर इस बैठक का एजेंडा क्या होगा? ये स्पष्ट नहीं है। सभी विपक्षी दल आपस में आदरपूर्वक और सम्मानजनक व्यवहार करेंगे, ऐसी भी आशा की जाती है। वहीं, सीताराम येचुरी दोपहर 2 बजे इसपर कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

जेडीयू ने भले अभी बैठक से बाहर रहने का मन बनाया है लेकिन बिहार में उसकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) इस बैठक में शामिल हो रही है। पार्टी की तरफ से प्रेमचंद गुप्ता बैठक में जाएंगे। आरजेडी नेता अशोक सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी को लेकर होने वाली बैठक में आरजेडी शामिल होगी। यह बैठक सोनिया जी ने बुलाई है। विपक्ष के बिखरने की बात नहीं है। एसपी हो बीएसपी सब लोग इस मुद्दे पर कॉमन पैरामीटर पर हैं कि इससे देश में लोगों को परेशानी हुई है।

राहुल गांधी भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से शाम 5 बजे मुलाकात करेंगे जिसमें वह नोटबंदी पर पार्टी के अगले कदम पर चर्चा करेंगे। तमिलनाडु से एआईएडीएमके ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मानना है कि वह अपने हिसाब से प्रदर्शन करेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में नोटबंदी पर बनी कमिटी की 28 दिसंबर को बैठक है। इसमें कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

मोर्चे पर ममता

ममता बनर्जी विपक्ष की बैठक के लिए दिल्ली आ रही हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम का मकसद नोटबंदी के खिलाफ अपने प्रदर्शन को और धार देना भी है। वह राज्य के मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात भी करेंगी।

ममता पहले ही ‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ नाम से राज्यव्यापी कैंपेन की शुरुआत कर चुकी हैं। ममता का यह 8 दिन का अभियान 1 जनवरी से शुरू होगा। यह दिन ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का स्थापना दिवस भी है।

ममता बनर्जी केंद्र के नोटबंदी से जुड़े कदम पर लगातार सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं और वह इसके विरोध में हैं। बनर्जी इसके रोलबैक की मांग कर रही हैं। वह दिल्ली, लखनऊ और पटना में इसे लेकर प्रदर्शन भी कर चुकी हैं।

 

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