पनामा लीक्स मामले पर अमिताभ बच्चन की सफाई, बोले-बताई गई कंपनियों के नाम तक नहीं जानता

नई दिल्ली। पनामा लीक्स मामले में महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी सफाई दी है। बच्चन ने मंगलवार को कहा कि वह बताई गई कंपनियों के नाम तक नहीं जानते हैं और वह उन कंपनियों के कभी निदेशक नहीं रहे। अभिनेता ने कहा कि उन्होंने अपने सभी टैक्स दिए हैं। यहां तक कि विदेशों में निवेश पर भी उन्होंने टैक्स दिया है।महानायक ने कहा कि संभव है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ हो।
गौरतलब है कि पनामा की विधि कंपनी मोसाक फोनेस्का के एक करोड़ 10 लाख गोपनीय दस्तावेज लीक हुए हैं। इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि भारत के करीब 500 लोग ऐसे हैं जिन्होंने टैक्स हैवन देशों में निवेश किया है और उनके नाम से कंपनियां हैं। इन लोगों में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन सहित राजनीति और उद्योग से जुड़े लोगों के नाम है।
Don’t know any of companies referred to by media and I have never been a director of any of those companies: Amitabh Bachchan #panamapapers
— ANI (@ANI_news) 5 April 2016
अपना नाम सामने आने के बाद पहली बार अमिताभ ने अपनी सफाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमिताभ ने कहा, ‘संभव है कि मेरे नाम का गलत इस्तेमाल हुआ हो। मैंने यहां तक कि विदेशों में निवेश किए गए धन पर सभी टैक्स दिए हैं।’
It is possible that my name has been misused.I’ve paid all my taxes including on monies spent by me overseas: Amitabh Bachchan #panamapapers
— ANI (@ANI_news) 5 April 2016
टैक्स हैवन में दौलत छुपाने वालों की सूची में नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, व्यापार से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों के नाम हैं। इसमें कई बड़े नाम हैं। उनमें पाकिस्तान के वर्तमान पीएम नवाज शरीफ, पाक के पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, मिश्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, बार्सिलोना के खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी हैं। इसके लपेटे में 70 से ज्यादा वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और तानाशाह आ गए हैं।
टैक्स हैवन में दौलत छुपाने वालों में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलफ के मालिक केपी सिंह और गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी भी शामिल हैं। इस सूची में 500 से ज्यादा भारतीय हैं। इन दस्तावेजों की जांच 100 से भी ज्यादा मीडिया समूहों के एक समूह ने की है और इसे इतिहास की अपनी तरह की सबसे बड़ी जांचों में से एक बताया जा रहा है।
इस जांच में लगभग 140 राजनीतिक हस्तियों की संपत्ति से जुड़ी गुप्त विदेशी सौदेबाजी को उजागर किया गया। जर्मन अखबार सिदोचे जाइतुन ने बड़ी मात्रा में ये दस्तावेज एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किए हैं और इसे खोजी पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन आईसीआईजे के जरिए दुनिया भर के मीडिया के साथ साझा कर दिया। लीक हुए ये दस्तावेज पनामा की एक विधि फर्म मोजैक फोंसेका से आए। इस फर्म के 35 से भी अधिक देशों में दफ्तर हैं। इसमें 40 साल तक का लेनदेन शामिल है।
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