पलनिसामी सरकार पर खतरा? दिनकरन समर्थक 19 विधायकों ने समर्थन लिया वापस

चेन्नै। तमिलनाडु की राजनीति में एक और दिलचस्प मोड़ आ गया है। टीटीवी दिनकरन के विश्वासपात्र 19 विधायकों ने मुख्यमंत्री पलनिसामी को पद से हटाने की मांग करते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है। ऐसे में 234 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बहुमत के आंकड़े (117) से नीचे जा सकती है। विधानसभा में अभी AIAMDK के 135 विधायक हैं। माना जा रहा है कि कुछ और विधायक भी पाला बदल सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पलनिसामी की सरकार खतरे में पड़ जाएगी। गौरतलब है कि सोमवार को ही AIADMK के दोनों धड़ों का विलय हुआ था।

बताया जा रहा है कि दिनकरन के समर्थक माने जाने वाले 17 विधायकों को पुडुचेरी के एक रिजॉर्ट में भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उठाए गए कदम की तर्ज पर, विधायकों को किसी भी तरह की टूट से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उधर ताजा हालात के मद्देनजर सीएम पलनिसामी और डेप्युटी सीएम पन्नीरसेल्वम पार्टी मुख्यालय में बैठक कर रहे हैं। इस बीच विपक्षी दल डीएमके के नेता एमके स्टालिन ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि विधानसभा का सत्र तुरंत बुलाया जाए और सरकार से बहुमत साबित करने को कहा जाए।

दिनकरन के समर्थक 19 विधायकों ने राज्यपाल को समर्थन वापसी की जानकारी देते हुए अलग-अलग पत्र लिखा है। चिट्ठी में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री पलनिसामी ने मेरे और जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है, इसलिए मैं अपना समर्थन वापस लेना चाहता हूं। आपसे (गवर्नर) से मामले में हस्तक्षेप किए जाने का आग्रह करता हूं और साथ ही चाहता हूं कि संवैधानिक प्रक्रिया अपनाते हुए आगे की कार्यवाही हो।’

चिट्ठी में आगे लिखा गया है, ‘फरवरी 2017 में 122 विधायकों ने पलनिसामी को यह सोचकर समर्थन दिया था कि वह काम करेंगे, लेकिन धीरे-धीरे पलनिसामी सरकार के काम करने का तरीका बिगड़ता चला गया और सत्ता की ताकत का गलत इस्तेमाल किया जाने लगा। पक्षपात, सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार आदि के आरोप सामने आने लगे।’ विधायकों ने कहा कि पिछले 4 महीनों में पलनिसामी के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं।

विधायकों का कहना है कि उन्होंने यह मानते हुए पलनिसामी को अपना समर्थन दिया था कि वह एक अच्छे मुख्यमंत्री की तरह अपनी ड्यूटी पूरी करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। विधायकों ने पन्नीरसेल्वम की भी बात उठाते हुए लिखा कि 5 अगस्त को ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा था, ‘प्रदेश की मौजूदा सरकार भ्रष्ट है। ऐसे में महज दो हफ्तों में उन्हें उप मुख्यमंत्री कैसे बना दिया गया। साफ है कि वह भाई-भतीजावाद और पक्षपात के पक्षधर हैं।’ इन विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है, यही वजह है कि वे पलनिसामी से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं। विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री को निष्पक्ष होना चाहिए।

 

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