पहली बार सूर्य की सतह तक जाएगा अंतरिक्ष यान, NASA मिशन के लिए तैयार

वाशिंगटन। अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने पहले मिशन को सूरज तक भेजने के लिए पूरी तरह तैयार है. एक कार के आकार का यह अंतरिक्ष यान सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा. इससे पहले किसी भी अंतरिक्ष यान ने इतना ताप और इतने प्रकाश का सामना नहीं किया है. पार्कर सोलर प्रोब छह अगस्त तक यूनाइटेड लॉन्च एलायंस डेल्टा 4 हैवी में सवार होकर उड़ान भरेगा. यह अंतरिक्ष यान मानव द्वारा अब तक निर्मित किसी भी वस्तु के मुकाबले सूर्य का ज्यादा करीब से अध्ययन करेगा.
अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के हेलियोफिजिक्स साइंस डिविजन के सहयोगी निदेशक एलेक्स यंग ने कहा, “हम कई दशकों से सूरज का अध्ययन कर रहे हैं और अब आखिरकार हमें पता चलेगा कि हम किस हद तक सफल हुए हैं.’’ हम आंखों से जिस सूरज को देखते हैं वह उससे कहीं ज्यादा जटिल है. मनुष्य की आंखों को यह भले ही स्थायी, न बदलते हुए एक गोले की तरह नजर आता हो लेकिन सूरज एक गतिशील एवं चुंबकीय ढंग से सक्रिय सितारा है. पार्कर सोलर प्रोब अपने साथ विभिन्न उपकरणों को लेकर जा रहा है जो सूरज का भीतर से और आस-पास या प्रत्यक्ष रूप से अध्ययन करेगा. इन उपकरणों से जुटाए गए डेटा से वैज्ञानिकों को इस सितारे के बारे में तीन बुनियादी सवालों का जवाब देने में मदद मिलेगी.
पार्कर सोलर प्रोब
नासा की ओर से सूर्य पर भेजे जा रहे इस यान का नाम पार्कर सोलर प्रोब है. इसका नामकरण अमेरिकी सौर वैज्ञानिक यूजीन न्यूमैन पार्कर पर रखा गया है. यह एक छोटी कार के बराबर है. यह सूर्य के वातावरण में रहकर वहां सूर्य की किरणों और सूर्य से निकलने वाली तरंगों (कोरोना) पर शोध करेगा. इस शोध यान की लंबाई 9 फीट और 10 इंच है. इसका वजन 612 किग्रा है. यह 6 अगस्त से अपना सफर शुरू करेगा और 2024 में सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा. नासा के इस अभियान का खर्च 1.5 अरब डॉलर है. यह अब तक नासा का सूर्य के लिए सबसे बड़ा मिशन है.
पार्कर सोलर प्रोब सूर्य की सतह से 61 लाख किमी दूर उसके वातावरण में ही चक्कर लगाएगा. यह दूरी अब तक सूर्य पर भेजे गए सभी शोध यानों से सात गुना कम होगी. वैसे तो सूर्य के पास पहुंचते ही इसकी हीट शील्ड यानी रक्षा कवच तक करीब 1400 डिग्री सेल्सियस का तापमान पहुंचेगा. लेकिन इसे कार्बन-कार्बन कंपोसिट पदार्थ से बनाया गया है, तो यह कवच इसे महज 30 डिग्री सेल्सियस पर ही रखेगा. यह सूर्य के सबसे पास पहुंचकर करीब सात लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफर करेगा. यह रफ्तार इतनी है कि फिलैडेलफिया से वाशिंगटन का सफर एक सेकेंड में पूरा किया जा सकता है. सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 15 करोड़ किमी की है. सूर्य से लगातार निकलने वाली हवाओं (सोलर विंड) से नियमित रूप से चार्ज पार्टिकल निकलते रहते हैं, जो हमारे सौर मंडल को प्रभावित करते हैं.
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