पाकिस्तानी सेना ने जाधव के कथित कबूलनामे का एक और विडियो जारी किया

इस्लामाबाद। कथित जासूसी के आरोपों में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव की तरफ से पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के सामने दया याचिका दायर की गई है। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने गुरुवार को यह दावा किया। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने जाधव के कथित कबूलनामे का एक दूसरा विडियो जारी किया है।

ISPR के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को फेसबुक पर पोस्ट कर जाधव की दया याचिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि जाधव ने पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से दया की गुहार लगाई है। गफूर ने यह भी बताया कि जाधव की दया याचिका को पाकिस्तान की सैन्य अपीलीय अदालत खारिज कर चुकी है। उन्होंने जाधव के कथित कबूलनामे का एक विडियो भी जारी किया। कथित कबूलनामे का विडियो 10 मिनट 10 सेकंड का है जिसे एडिट किया गया है। विडियो की शूटिंग में एक से ज्यादा कैमरों का इस्तेमाल किया गया है।


विडियो की शुरुआत में बताया गया है कि इसे अप्रैल 2017 में शूट किया गया था। विडियो में जाधव को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि उन्होंने 2005 और 2006 में दो मौकों पर कराची का दौरा किया था। विडियो में जाधव को यह कहते हुए दिखाया जा रहा है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को पहले ही 2014 में मोदी सरकार के आने का अंदाजा हो गया था, जिसके बाद उन्हें RAW में फिर शामिल किया गया। विडियो में जाधव को यह कहते हुए दिखाया जा रहा है कि उन्हें पाकिस्तान में जासूसी और गड़बड़ी की जिम्मेदारी दी गई थी।

बता दें कि पाकिस्तानी सेना ने इससे पहले भी जाधव के कबूलनामे का एक विडियो जारी किया था। उस विडियो पर सवाल उठे थे क्योंकि उसे एडिट किया गया था। भारत ने कबूलनामे के उस विडियो को यह कहकर खारिज किया था कि जाधव को टॉर्चर करके जबरन बयान दिलवाया गया है। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव भारतीय नौसेना के सर्विंग ऑफिसर हैं और उन्हें बलूचिस्तान के मश्केल से गिरफ्तार किया गया है जबकि भारत का कहना है कि जाधव नेवी के रिटायर्ड अफसर हैं। भारत ने जाधव की बलूचिस्तान से गिरफ्तारी की पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि रिटायर्ड अफसर को ईरान से अगवा किया गया था। जाधव नौसेना से रिटायर होने के बाद ईरान में बिजनस करते थे।

पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के खिलाफ भारत ने इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील की है। ICJ ने फिलहाल जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। ICJ ने भारत को जाधव मामले में और दस्तावेज जमा करने के लिए 13 सितंबर तक का वक्त दिया है, जबकि पाकिस्तान को 13 दिसंबर तक अपना पक्ष रखना है। भारत पाकिस्तान से जाधव तक राजनयिक पहुंच की कई बार मांग कर चुका है लेकिन हर बार पाकिस्तान ने इस मांग को ठुकराया है। भारत ने इसे वियना समझौते का खुला उल्लंघन करार दिया है।

 

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