पाकिस्‍तान की निवेश संबंधी भूख को शांत करने के लिए CPEC में शामिल हों भारत, अन्‍य देश: चीन

cpecपेइचिंग।चीन ने एक बार फिर भारत से कहा है कि वह 46 अरब डॉलर की चाइना-पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना में शामिल हो। चीन ने अपनी ताजा अपील के पीछे यह वजह बताई है कि इस परियोजना के लिए निवेश की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और इस बारे में पाकिस्‍तान की ‘भूख’ को सिर्फ एक देश (चीन पढ़ें) द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता है।

चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की रिपोर्ट में कहा गया, ‘चाइना-पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर को लेकर पाकिस्‍तान में अंतहीन निवेश की मांग है। हालांकि, इस बात की उम्‍मीद है कि इस कॉरिडोर में चीन की तरफ से किए जा रहे निवेश में बढ़ोतरी होगी, लेकिन सिर्फ एक देश की फंडिंग से शायद ही पाकिस्‍तान की भूख शांत हो। निवेश की संभावना को बढ़ाने के लिए, इस कॉरिडोर में किसी तीसरे पक्ष को शामिल करने को लेकर चीन खुले दिमाग से काम कर रहा है।’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस परियोजना से भारत, अफगानिस्‍तान और ईरान के अलावा रूस जैसी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को भी फायदा हो सकता है और ये देश चाइना-पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर में शामिल होने की खातिर उपयुक्‍त चुनाव हैं।’ बता दें कि इससे पहले पाकिस्‍तान भी भारत से सीपीईसी में शामिल होने की अपील कर चुका है। चंद दिनों पहले पाकिस्तान के क्वेटा स्थित दक्षिणी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ ‘दुश्मनी छोड़कर’ अरबों डॉलर की परियोजना का संयुक्त रूप से लाभ उठाना चाहिए।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब लगातार इस बात की खबरें आ चुकी हैं कि चाइना-पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर परियोजना को लेकर निवेश कम पड़ता जा रहा है और चीन इस खातिर ज्‍यादा से ज्‍यादा निवेश करेगा। इसके अलावा चीन सैद्धांतिक तौर पर इस बात के लिए भी सहमत हो चुका है कि वह सीपीईसी के तहत तीन नई सड़क परियोजनाओं के लिए भी पैसा देगा। साथ ही वह ग्‍वादर सिटी में एक स्‍टील फैक्‍ट्री का भी निर्माण करेगा।

 

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