पुरुष हार्मोन नहीं हो पाया साबित, अब लेंगी रेस में भाग

लुसाने।खेलों की मध्यस्थता अदालत (कैस) ने धाविका दुती चंद को पुरुष हार्मोन के मामले में बड़ी राहत देते हुए अपना करियर फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। कैस ने हाइपरैंड्रोजेनिज्म पर आईएएएफ के नियमों के खिलाफ दुती की अपील को आंशिक तौर पर सही पाया। इन नियमों के कारण यह धाविका महिलाओं की प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पा रही थी।
कैस ने अपने आदेश में कहा कि इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं है कि दुती ने अन्य की तुलना में टेस्टोस्टेरोन स्तर में बढ़ोतरी का फायदा उठाया। दुती, भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ और अंतर्राष्ट्रीय महासंघों के एथलेटिक्स संघ (आईएएएफ) के बीच मध्यस्थता प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश देते हुए कैस ने विश्व एेथलेटिक्स संस्था के हाइपरैंड्रोजेनिज्म से संबंधित नियम को दो साल के निलंबित कर दिया।
इसके साथ कैस ने दुती को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दे दी। कैस ने अपने बयान में कहा, ‘हाइपरैंड्रोजेनिज्म नियम के निलंबित किये जाने के बाद दुती चंद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर की ऐथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की छूट दी जाती है। यदि आईएएएफ कैस पैनल द्वारा दिए गए दो साल के समय के अंदर कोई वैज्ञानिक सबूत पेश नहीं करता तो हाइपरैंड्रोजेनिज्म नियम को खत्म माना जाएगा।’
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