तहलका एक्सप्रेस
लखनऊ /आगरा। वॉट्सऐप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में अभद्र टिप्पणी करने के बाद गुरुवार को जमकर बवाल हुआ। गुस्साए लोगों ने कमेंट करने वाले आरोपी शख्स की जमकर पिटाई की और बीच चौराहे पर गले में गमछा डालकर फांसी लगाने की कोशिश की। सूचना मिलने पर युवक के परिजनों ने मौके पर पहुंचकर उसे बचाया। इसके बाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। दोनों समुदाय के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और मारपीट व आगजनी करने लगे। इसी बीच देर रात भीड़ ने शमशाबाद ईदगाह में तोड़-फोड़ कर दी। भीड़ ने मुख्य गेट के ऊपर बने छोटे गुंबद, सीढ़ीनुमा ढांचा और दीवारों को भी तोड़ दिया। शुक्रवार की सुबह जब पुलिस पूरे इलाके में पेट्रोलिंग कर रही थी, तभी ईदगाह में तोड़फोड़ पर नजर पड़ी। इसके बाद प्रशासन सख्ते में आ गया। ईदगाह में तोड़-फोड़ के बाद पुलिस पत्थरों के टुकड़ों को हटाने में लगी है।
हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला लिया है। इस मामले में कन्नौज पुलिस ने वॉट्सऐप पर टिप्पणी करने वाले मुख्य अभियुक्त अभिषेक कुमार सहित सहिए गुप्ता, रामबाबू गुप्ता, राजीव गुप्ता सहित 12 लोगों को शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पुलिस ने 104 लोगों के खिलाफ बलवा, पथराव और फायरिंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें दोनों पक्षों के 52-52 लोग हैं। शुक्रवार को सुबह से ही डीआईजी लक्ष्मी सिंह, डीएम पंकज कुमार और एसएसपी राजेश घटनास्थल पर तैनात हैं।
मामला आगरा शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर शमशाबाद इलाके का है। पैगंबर के बारे में आकाश गुप्ता नाम के शख्स ने गुरुवार की सुबह टिप्पणी कर दी थी। यह सूचना पूरे शमशाबाद में फैल गई। इसके बाद खास समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए और आकाश को पकड़ लिया। दर्जनों लोग युवक को पकड़कर पीट रहे थे और लोग हंगामा करके फांसी लगाने की मांग कर रहे थे। तभी कुछ लोगों ने आकाश के गले में फंदा डाल दिया। लोग उसे पेड़ से लटकाने जा रहे थे, तभी आकाश के पक्ष के लोगों की भीड़ आ गई। दोनों समुदायों के लोगों के बीच मारपीट हुई और आकाश को छुड़ा लिया गया।
इसके बाद हालात बेकाबू होने लगे। आसपास से लोग ट्रैक्टर, ट्रॉली, जीप व अन्य वाहनों में भरकर लोग शमशाबाद पहुंचने लगे। यहां दो समुदाय के बीच पथराव और मारपीट होने लगी। यहां मौजूद पुलिस हालात को काबू करने में नाकाम हो रही थी। इसके बाद एसएसपी राजेश डी मोदक और कई अफसरों के अलावा पीएसी के जवान यहां पर पहुंचे। आसपास के गांवों से लोग पहुंच रहे थे, उन्हें पुलिस ने रास्ते में रोक लिया। एहतियातन सड़कों को बंद कर दिया गया है। आगरा-शमशाबाद हाईवे को पुलिस ने बंद कर दिया है। पुलिस लोगों को रास्ते से ही लौटा रही है।
डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि धार्मिक टिप्पणी करने पर बवाल हुआ है। हालात को काबू में किया जा चुका है, जिन्होंने हालात को बिगाड़ने की कोशिश की है उनकी पहचान की जा रही है। एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि घटना को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सतर्कता बरती जा रही है। जो भी हंगामा या उन्माद फैलाने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
शमसाबाद में सांप्रदायिक हिंसा का मामला अब राजनीति रंग ले चुका है। पुलिस का मानना है कि इस बवाल को भड़काने में सोनू चौधरी का हाथ है। इस मामले में पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष सोनू चौधरी के घर पर छापेमारी भी की। पुलिस ने गुरुवार की रात को उसकी मां को हिरासत में ले लिया। इसके बाद थाने पर पहुंची भीड़ के दबाव में पुलिस ने छोड़ दिया। पुलिस ने सोनू चौधरी को पुलिस के सामने पेश होने के लिए 12 घंटे की मोहलत दी है।
पुलिस के इस रुख से बीजेपी लामबंद हो गई है। सांसद चौधरी बाबूलाल, ब्रज प्रांत अध्यक्ष पुरुषोत्तम अग्रवाल सहित सैंकड़ों भाजपाई शुक्रवार को कमिश्नरी पहुंचे हैं। सांसद चौधरी बाबूलाल ने बताया कि एसएसपी राजेश डी मोदक के कहने पर ही उन्होंने सोनू चौधरी को शमशाबाद भेजा था। एसएसपी हिंदू पक्ष से बात करने के लिए माध्यम के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रही थी। ऐसे में अब सोनू चौधरी को जबरन फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजयुमो जिलाध्यक्ष की मां को हिरासत में लेकर पुलिस ने गलत किया। हर विवाद में बीजेपी को पुलिस कठघरे में खड़ा कर रही है। यह पुलिस का एकतरफा कार्रवाई है। वहीं, दूसरे समुदाय के लोगों को छोड़ दिया गया है और सिर्फ हिंदुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।
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