प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे के मायने

नई दिल्ली। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल दौरे पर जा रहे हैं. करीब 70 साल में पहली बार इजरायल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का दौरा होने जा रहा है. मोदी के आने की खबर के बाद इजरायल में उत्सव मन रहा है. पोप और अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह पीएम मोदी का स्वागत होगा. मोदी की इस यात्रा को मौजूदा दौर में डिप्लोमैटिक मास्टरस्ट्रोक भी कहा जा सकता है क्योंकि अब भारत एक तरह से खुल कर इजरायल के साथ अपने संबंधों को दुनिया के सामने रखेगा. इससे भारत के खिलाफ गठजोड़ बनाने की कोशिश में लगे पाकिस्तान और चीन को भी बड़ा झटका लगेगा क्योंकि इजरायल अपने अत्याधुनिक हथियारों के लिए जाना जाता है.

पीएम मोदी के इस इजरायल दौरे के क्या मायने हैं ? क्यों पीएम मोदी की ये यात्रा कई अन्य विदेशी दौरों से ज्यादा महत्व रखती है ? असल में इस यात्रा के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी एक तरफ तो नॉन अलाइन्ड पॉलिसी से आगे बढ़कर मल्टी अलाइन्ड पॉलिसी यानी दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देशों से संबंध बनाने की शुरुआत करेंगे. वहीं अमेरिका के करीबी इजरायल से संपर्क बढ़ाकर पाकिस्तान, चीन और रुस के बीच बढ़ रही नजदीकियों को एक मजबूत संदेश भी देना चाहते हैं.

एक की वजह से दूसरे की अनदेखी नहीं

प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे को हर लिहाज से मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है. ऐसा करके पीएम मोदी पहली बार ये संकेत दे रहे हैं कि भारत अब इजरायल और फ़िलिस्तीन, दोनों देशों के बीच अपने संबंधों को अलग-अलग रखना चाहता है और अब एक देश से संबंध के चलते दूसरे देश की अनदेखी नहीं की जाएगी.

अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है भारत

इतना ही नहीं पिछले 25 सालों में पहली बार इस यात्रा से भारत सरकार ये संकेत भी दे रही है कि भारत अब अपनी सालों पुरानी नेहरु की नीति यानी नॉन अलाइन्ड मूवमेंट को छोड़कर मल्टी अलाइन्ड पॉलिसी यानी दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देशों से संबंध स्थापित करने की तरफ बढ़ रहा है. यही वजह है कि देश तमाम यूरोपियन देशों से मजबूत संबंध स्थापित करने के साथ ही अमेरिका के दोस्त इजरायल से भी कूटनीतिक संबंध बेहतर बना रहा है. इसके जरिए निश्चित तौर पर भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को और ज्यादा मजबूत करना चाहता है.

पाकिस्तान, चीन और रुस के बीच बढ़ रहे संबंधों को भी चुनौती

दरअसल इजरायल के साथ संबंध स्थापित करने से भारत को अमेरिका के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया की बेहतरीन टेक्नॉलॉजी और और सुरक्षा भी मिल सकेगी. जहां इस दौरे से भारत के इजरायल से संबंध बेहतर होंगे. वहीं पिछले कई दिनों से पाकिस्तान, चीन और रुस के बीच बढ़ रहे संबंधों को भी चुनौती दी जा सकेगी.

पीएम कर चुके हैं दुनिया के लगभग सभी मुश्किल देशों का दौरा

इस दौरे से प्रधानमंत्री मोदी का मकसद विदेश नीति के नए आयाम स्थापित करना ही लगता है, क्योंकि इजरायल जाने से पहले पीएम मोदी दुनिया के लगभग सभी मुश्किल देशों की यात्रा कर चुके हैं. हाल ही में फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने भी भारत का दौरा किया था. यही नहीं इस दौरे से पहली बार ये संदेश भी दुनियाभर में जाएगा कि भारत अब इजरायल और फ़िलिस्तीन के बीच संबंधों की वजह से किसी एक से दूरी नहीं बनाएगा.

 

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