प्रमोशन में कोटा: कर्मचारियों का डिमोशन तय

लखनऊ। प्रमोशन में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता से पदोन्नत हुए कर्मचारी और अफसर अब डिमोट होंगे। यूपी सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इसे मंजूरी दे दी। जल्दी ही कार्मिक विभाग इसका आदेश भी जारी कर देगा। इससे करीब दो लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूपी सरकार को आदेश दिया कि प्रमोशन में कोटा मामले में अदालती फैसले पर अमल के बारे में डिटेल स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। अदालत ने यूपी के चीफ सेक्रटरी से 3 हफ्ते में हलफनामा दायर करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्र की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष कंटेप्ट पिटिशन दाखिल कर कहा गया था कि 2007 में यूपी सरकार ने एससी और एसटी को प्रमोशन में आरक्षण का फैसला लिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने 2012 में दिए फैसले में यूपी सरकार के नोटिफिकेशन को रद कर दिया था। इसके बाद सिंचाई विभाग के दो इंजीनियरों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले से संबंधित किसी भी तरह की रिट पर विचार नहीं करेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एससी व एसटी असोसिएशन की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि उनका प्रतिनिधित्व इस मामले में नहीं हुआ था ऐसे में अभी कोई डिमोशन न किया जाए। पहले हाई कोर्ट ने स्टे कर दिया था, लेकिन बाद यूपी सरकार की अर्जी पर स्टे हटा दिया गया था और कहा था कि कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद अब तक सरकार ने लिस्ट जारी नही की है।
इस ऑर्डर के बाद जिन्हें कोर्ट आर्डर के मुताबिक, प्रमोशन का अधिकार बनता है उनकी लिस्ट बने और जिनका प्रमोशन नहीं बनता था, बावजूद इसके 2007 के राज्य सरकार के फैसले के हिसाब से जिन्हें प्रमोशन दिया गया, उन्हे डिमोशन किया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था।
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