बस कंडक्‍टर से सुपरस्टार और अब नेता, ऐसी रही रजनीकांत की जिंदगी

नई दिल्‍ली। साउथ की फिल्मों के सुपरस्टार या कहें भगवान माने जाने वाले रजनीकांत ने राजनीति में आने को लेकर चल रहे सस्पेंस पर आज विराम लगा दिया है. फैंस के बीच ‘थलैवा’ नाम से मशहूर रजनीकांत ने बस कंडक्‍टर से लेकर साउथ फिल्‍मों के भगवान बनने के बाद राजनीति में कदम रख दिया है. जानें उनका अब तक का सफर…

12 दिसंबर को 67 साल के हो गए. उनका जन्‍म 12 दिसंबर 1950 को बंगलुरू में हुआ था. उनका नाम माता पिता ने शिवाजी राव गायकवाड़ रखा था, लेकिन फिल्‍मों में बुलंदियों को रजनीकांत के नाम से ही छुआ. उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ हवलदार थे. मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है तो परिवार को सहारा देने के लिए वह कुली बन गए.

यह अपने आप में प्रेरणादायी है कि कैसे बंगलुरू परिवहन सेवा (बीटीएस) का एक बस कंडक्टर न केवल दक्षिण भारत की फिल्‍मों का सुपरस्‍टार बन गया बल्कि बॉलीवुड समेत पूरी दुनिया के सितारों के बीच अपनी अलग पहचान भी रखता है. बहुत कम लोग जानते हैं कि रजनीकांत की फिल्‍मों में दिलचस्‍पी थी और वह एक्टिंग करना चाहते थे. इसी शौक की वजह से उन्‍होंने 1973 में मद्रास फिल्म इंस्‍टीट्यूट से एक्टिंग में डिप्लोमा लिया था.

रजनीकांत की मुलाकात एक नाटक के मंचन के दौरान फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर से हुई थी, जिन्होंने उन्‍हें तमिल फिल्म में काम करने का ऑफर दिया था. इस तरह उनके करियर की शुरुआत बालाचंदर निर्देशित तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागंगाल’ (1975) से हुई, जिसमें वह खलनायक बने थे. यह भूमिका यूं तो छोटी थी, लेकिन उनके काम की तारीफ हुई. इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था.

खलनायक बनकर हुई करियर की शुरुआत

रजनी तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद वह धीरे-धीरे स्थापित अभिनेता के तौर पर उभरे. तेलुगू फिल्म ‘छिलाकाम्मा चेप्पिनडी’ (1975) में उन्हें पहली बार हीरो का रोल मिला और फिर उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद देखते ही देखते रजनीकांत तमिल सिनेमा पर छा गए.

बॉलीवुड में दिखाया दम

रजनीकांत ने कई बॉलीवुड फिल्‍मों में भी काम किया. इनमें ‘मेरी अदालत’, ‘जान जॉनी जनार्दन’, ‘भगवान दादा’, ‘दोस्ती दुश्मनी’, ‘इंसाफ कौन करेगा’, ‘असली नकली’, ‘हम’, ‘खून का कर्ज’, ‘क्रांतिकारी’, ‘अंधा कानून’, ‘चालबाज’, ‘इंसानियत का देवता’ आदि शामिल हैं.

2014 में रजनीकांत को छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड मिले. इनमें चार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दो स्पेशल अवार्ड फॉर बेस्ट एक्टर के लिए मिले. वर्ष 2000 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

रजनीकांत के बारे में पांच खास बातें

1- तमिल फिल्‍मों के सुपर स्‍टार रजनीकांत हिंदी, कन्‍नड़, मलायलम, बंगाली और अंग्रेजी फिल्‍मों में भी काम कर चुके हैं, लेकिन उन्‍होंने कभी मराठी फिल्‍मों में काम नहीं किया, जबकि रजनीकांत मूलरूप मराठी हैं.

2-रजनीकांत के फेवरेट एक्‍टर कमल हासन हैं. उनके साथ रजनी कई फिल्‍मों में काम भी कर चुके हैं. उनकी फेवरेट एक्‍ट्रेस हेमा मालिनी और रेखा हैं.

3-शिवाजी की सफलता के बाद रजनीकांत ने अपनी फीस 26 करोड़ रुपये कर दी थी. इसी के साथ वह जैकी चैन के बाद सबसे महंगे सितारे बन गए.

4-रजनीकांत ने पिछले कई सालों से स्‍क्रीन पर मौत के सीन नहीं किए हैं. डायरेक्‍टर्स को लगता है कि अगर उन्‍होंने रजनी को मरते हुए दिखाया तो फिल्‍म फ्लॉप हो जाएगी.

5-रजनीकांत ने बॉलीवुड के कई सुपर स्‍टार्स के साथ काम कि‍या, लेकिन उन्‍होंने सबसे ज्‍यादा फिल्‍में राकेश रोशन के साथ कीं, लेकिन राकेश के निर्देशन में बनी एक भी फिल्‍म में रजनीकांत ने काम नहीं किया.

 

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