बाहुबलियों पर तीसरी नजर
वाराणसी/लखनऊ। प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों के भरे होने, गुटबाजी व दुव्र्यवस्था के चलते आए दिन बवाल हो रहे हैं। कुछ माह पूर्व वाराणसी की जेल में भयंकर बवाल हुआ था। दो दिन पूर्व गोरखपुर जेल में भी बवाल हो गया। बवाल में कई जेलकर्मी जख्मी हुए। आजमगढ़ जेल से कुछ दिनों पहले ही एक कुख्यात ने एमएलसी को धमकी दे डाली थी। इतना ही नहीं प्रदेश की कई जेलों में बैठे बाहुबली जेल की चहारदीवारी के भीतर से ही मोबाइल व जेल में मिलने आने वालों के साथ साठगांठ करके अपना साम्राज्य चला रहे हैं। बाहुबलियों की कमर तोडऩे के लिए अखिलेश सरकार ने अब जेल में तीसरी नजर से निगहबानी की तैयारी कर ली है। जेलों में सीसी कैमरे लगने की आहट से गुंडे-बदमाशों में बेचैनी है।
प्रदेश की जेलों में मोबाइल फोन पहुंचने के साथ ही आए दिन विवाद करने वालों की शिनाख्त के लिए अब प्रदेश सरकार ने जेलों की व्यवस्था दुरुस्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। अखिलेश यादव सरकार ने अपने खजाने से प्रदेश की बीस जेलों में तीसरी आंख से निगहबानी के लिए सीसी कैमरे लगाने को मंजूरी दी है। इन जेलों में सीसी कैमरे लगने से बंदियों पर निगरानी के साथ ही उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से मिलने वाली सुविधाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी।
महानिरीक्षक कारागार को अनु सचिव गिरीश चंद्र दुबे की ओर से भेजे गए पत्र के अनुसार प्रदेश के बीस कारागारों पीलीभीत, फतेहपुर, देवरिया, बस्ती, बहराइच, आजमगढ़, ललितपुर, उरई, हमीरपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, मऊ, बलिया, कौशांबी, उप कारागार देवबंद, महोबा, ज्ञानपुर व किशोर सदन बरेली में सीसी कैमरे लगाने के लिए 04 करोड़ 14 लाख 58 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई है।
जेल अधिकारियों के अनुसार सीसी कैमरे के बाद जेलों में दबंगई से चल रहे मोबाइल फोन की रोकथाम के लिए जैमर लगाने की योजना है। साथ ही जेल के मुख्यद्वार पर तलाशी के लिए भी आधुनिक यंत्र स्थापित करने की योजना है।
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