बीफ मर्डर का बदलाः मुस्लिम प्रफेसर की पॉर्क पार्टी

Ashleyतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। एक मुस्लिम प्रफेसर जो खुद सूअर का मांस (पॉर्क) नहीं खाते, बाकी खाने वालों को पॉर्क खिलाने बाहर ले जाना चाहते हैं। व्यक्तिगत पसंद-नापसंदगी में आजादी का समर्थन करने, सहनशीलता और भाईचारे का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने यह तरीका चुना है।

दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रफेसर एश्ले एन.पी ने सोमवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘यह प्रस्ताव सभी के लिए खुला है। उन्हें मैं जानता हूं या फिर नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो लोग पहले दिलचस्पी दिखाएंगे उनमें से 5 को चुना जाएगा।’


प्रफेसर एश्ले ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर सूअर का मांस खाने का न्योता देकर किया बीफ मर्डर के प्रति अपना विरोध जताया।

मालूम हो कि इस्लाम में पॉर्क खाना मजहब के खिलाफ माना जाता है और ऐसा करने पर पूरी तरह से मनाही है। ऐसे समय में जब कि व्यक्तिगत आजादी और अपनी पसंद के खाने के लोगों के अधिकार पर भी खतरा मंडरा रहा हो, यह कदम तारीफ के लायक माना जाएगा।

प्रफेसर एश्ले ने हफिंगटन पोस्ट इंडिया से कहा, ‘मैं धार्मिक, सांस्कृतिक और निजी कारणों से सूअर का मांस नहीं खाता, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कोई और भी इसे नहीं खा सकता है।’

प्रफेसर एश्ले ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लोगों से कहा कि अगर वे पॉर्क खाना चाहते हैं या फिर इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं तो वे अपना नाम और फोन नंबर उनके साथ साझा कर सकते हैं। एश्ले ने कभी भी पॉर्क नहीं खाया है, बावजूद इसके उन्होंने कहा है कि जो लोग पॉर्क खाने की इच्छा जाहिर करेंगे उनमें से 5 को लेकर वह रेस्तरां जाएंगे और उनकी पसंद का खाना मंगवाएंगे।

उनका कहना है कि उन्होंने इस बारे में तब सोचा जब उन्हें पता चला कि देशभर में लोग दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह पर मारे गए मुहम्मद इखलाक की हत्या के विरोध में बीफ पार्टी का आयोजन कर रहे हैं।

एश्ले ने बताया कि उन्होंने कहीं पढ़ा था कि खुद कभी किसी मादक पदार्थ का सेवन नहीं करने वाले महात्मा गांधी से जब मुहम्मद अली जिन्ना मिलने आए तो उन्होंने उन्हें शराब परोसी। एश्ले का कहना है, ‘मैं गांधी बनने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, लेकिन हम क्यों इस सिद्धांत का पालन नहीं कर सकते हैं। अगर गांधी ऐसा कर सकते हैं, तो फिर हम क्यों नहीं कर सकते?’

प्रफेसर एश्ले ने आगे कहा, ‘मैं जानता हूं कि पॉर्क खाने पर भारत में कहीं भी मनाही नहीं है। किसी को इसे खाने के लिए पीट-पीट कर मारा भी नहीं गया है, लेकिन जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें लोकतंत्र, पसंद-नापसंदी के अधिकार, इंसानियत और दोस्ताना बर्ताव का कुछ तो सबक देना ही होगा। हमें हर समय लड़कर और क्रूरता बरत कर ही लोगों को बताने की जरूरत नहीं होती कि हम किन चीजों और मूल्यों में यकीन रखते हैं।’

प्रफेसर एश्ले की फेसबुक पोस्ट के जवाब में उनके पास पॉर्क खाने के इच्छुक कई लोगों का निवेदन आया। वह अब इस पॉर्क पार्टी के लिए सही समय तय करने की कोशिश कर रहे हैं।

श्रीनगर में गुरुवार को बीजेपी विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर एक निर्दलीय विधायक के साथ मारपीट की। शेख अब्दुल रशीद नाम के विधायक ने बीफ पार्टी का आयोजन किया था। वह राज्य में बीफ पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध कर रहे थे। यह संदेश देने के लिए कि न्यायपालिका और कानून लोगों के खाने की पसंद को तय नहीं कर सकते, उन्होंने बीफ पार्टी का आयोजन किया था।

 

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