बेटे अखिलेश यादव को निकालने के पक्ष में नहीं थे पिता मुलायम सिंह यादव
नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी उठापटक हो गई है. पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से निकाल दिया. मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई और अखिलेश यादव के समर्थक प्रोफेसर रामगोपाल यादव को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया.
लेकिन इस निष्कासन से पहले सबके सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह यादव शायद अपने बेटे अखिलेश यादव को पार्टी से निकालने के मूड में नहीं थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ देखा गया कि शिवपाल यादव, मुलायम सिंह यादव के कान में कह रहे हैं कि अखिलेश यादव को निकालने का भी ऐलान कर दीजिए. मुलायम सिंह यादव पर वह फिर दबाव बनाते कहते हैं कि उनके (अखिलेश) निष्कासन का भी ऐलान अभी कर दीजिए. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को निकालने का भी ऐलान कर दिया.
वैसे इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने केवल पार्टी महासचिव और अपने भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव को ही पार्टी ने छह साल के लिए निकालने का ऐलान किया था. बात वह रामगोपाल पर ही कर रहे थे कि शिवपाल यादव ने उन्हें अखिलेश पर भी ऐलान करने की सलाह दे डाली. भले ही शिवपाल उनके कान में बोल रहे थे, लेकिन मीडिया के माइक में उनकी सारी बात रिकॉर्ड हो गई.
गौर करने की बात यह है कि जहां पिता मुलायम सिंह यादव पार्टी और सरकार में फूट के लिए अपने भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव को जिम्मेदार बता रहे हैं वहीं बेटा अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल को इस सारी कलह की वजह बता रहा है.
मुलायम सिंह ने कहा कि रामगोपाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भविष्य खत्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रामगोपाल मुख्यमंत्री अखिलेश को गुमराह कर रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव ने पुरानी बात याद करते हुए अखिलेश यादव पर सबसे बड़ा कटाक्ष भी किया. उन्होंने कहा, कौन बना रहा था मुख्यमंत्री इन्हें (अखिलेश यादव को). कोई भी बता दे बना रहा हो, कोई भी. हमने खुद बना दिया. इसे अभी बना दो फिर मौका मिलेगा नहीं, हम बना सकते हैं बना दिया. इतिहास में किसी ने अपने लड़के लिए ऐसा नहीं किया. कभी किसी ने स्वयं ऐसा नहीं किया. मैं सबसे ज्यादा दौरा करता हूं, इनसे ज्यादा दौरा करता हूं. फिर भी इसे सीएम बनाया. उन्होंने कहा, सीएम हमसे भी राय नहीं ले रहा है.
वैसे मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में फिर कहा कि बेटा है, माफी मांगेगा तो देखेंगे. यहां तक मुख्यमंत्री पद के सवाल पर भी उनका रुख नरम ही दिखा.
बता दें कि अखिलेश यादव पहले भी कह चुके हैं कि उनके पिता को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि उनके चाचा पिता-पुत्र में वैमनस्य पैदा कर रहे हैं, उनके पिता को गुमराह कर रहे हैं.
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]