ब्यूरोक्रेट और नेताओं के बेटे चला रहे थे यादव सिंह की कंपनियां

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, लखनऊ।  नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के निलंबित इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह की जांच जैसे- जैसे आगे बढ़ रही है रोज नए खुलासे हो रहे हैं| अब सामने आ रहा है कि यादव सिंह ने जिन 24 से ज्यादा कंपनियों के जरिये काली कमाई को सफ़ेद करने की कोशिश की उनमे से कई कंपनियों के निदेशक सियासी नेताओं के बेटे दामाद थे| इन कंपनियों में से कई को नोएडा ग्रेटर नोएडा में बड़े भूखंड आवंटित किये गए| बताया जा रहा है कि इन कंपनियों को यादव सिंह और उनके गुर्गों ने खूब तवज्जो दी| जांच में पाया गया है कि मैकान इंफ्रा ग्रुप और इन एम बिल्ड्वेल लिमिटेड की बैलेंसशीट में अरबों के जमीन होना दर्शाया गया है| वैसे कोर्ट ने जब से यादव सिंह की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं सियासी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को अपनी गर्दन फंसती नजर आ रही है| माना जा रहा है कि जैसे-जैसे यादव सिंह की जांच आगे बढ़ेगी इन सियासी नेताओं, उनके बेटे-दामादों का फंसना तय है|
उधर, नोएडा में सीबीआई को यादव सिंह एक एक सीक्रेट ऑफिस मिला है| सीबीआई ने गुरुवार को नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य इंजिनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुम लता, बेटी गरिमा भूषण और बेटे सन्नी यादव से पूछताछ की। एजेंसी को यादव सिंह के नोएडा के सेक्टर-51 स्थित ए-10 नंबर के बंगले की तलाशी के दौरान बेसमेंट में एक छुपा हुआ ऑफिस मिला। यादव सिंह को उत्तर प्रदेश में राजनैतिक पार्टियों, अफसरशाही और व्यापारिक घरानों के साथ संबंध के लिए जाना जाता है। आरोप है कि बेसमेंट के इसी ऑफिस में वह लोगों के साथ मुलाकात करता था। सूत्रों का कहना है कि बहुत कम लोग ही उसके इस ऑफिस के बारे में जानते थे। एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि केवल वही व्यक्ति जिनकी सिफारिश कुछ राजनेताओं, अफसरों, बिल्डरों या फिर उसके भरोसेमंद लोगों द्वारा की जाती थी, यादव सिंह के उक्त ऑफिस में आ सकते थे। ऑफिस का इस्तेमाल ठेका देने और रिश्वत के पैसे के लेन-देन के लिए किया जाता था। ऐसी जानकारी मिली है कि यादव सिंह इस ऑफिस में ही जरूरी फाइल और कागजात लाया करता था। यहीं पर वह मिलने के लिए आए लोगों के साथ मुलाकात करता था। सीबीआई को ऑफिस की तलाशी के दौरान फ्लाइओवर, यूइज पाइपलाइन, ड्रेनेज, अस्पताल, पार्क, हाउसिंग सोसायटी और मेट्रो के निर्माण संबंधी लगभग 30 फाइलें मिलीं। इन सभी परियोजनाओं को यादव सिंह द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान ही मंजूरी दी गई थी। आरोप है कि इन मंजूरियों के क्रम में कई लोगों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। यादव सिंह का बेटा सन्नी, जो कि फिलहाल नोएडा अथॉरिटी में काम करता है, से एजेंसी ने उसके पिता की घर पर मिलने आने वाले लोगों के साथ मुलाकात के बारे में पूछताछ की। एजेंसी ने उससे संपत्ति और बैंक खातों के बारे में भी पूछताछ की। सीबीआई को उम्मीद है कि यादव सिंह से पूछताछ के बाद इस मामले से जुड़ी जरूरी जानकारियां मिलेंगी। उसने अब तक एजेंसी के साथ मुलाकात को टाला है। उसकी पत्नी और बेटे ने सीबीआई को बताया कि वह देवप्रयाग में तीर्थयात्रा के लिए गया है। कुछ दिनों में उसके लौटकर आने और जांच में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है।

 

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