भारतीय किसान संघ और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के झगड़े ने लेली 5 किसानों की जान

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में किसानों का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है। मंगलवार को मंदसौर के किसान आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई जबकि पांच किसान गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे हैं। इन हिंसक झड़पों में पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें आयी हैं। रविवार को सरकार के साथ भारतीय किसान संघ की बैठक के बाद किसानों का आंदोलन ख़त्म होने की बात कही जा रही थी लेकिन आंदोलन अभी भी हिंसक बना हुआ है। ख़बरों की माने तो इस आंदोलन के नियंत्रण से बाहर होने का प्रमुख कारण दो संगठनों की लड़ाई भी है।

एक तरफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा संगठन भारतीय किसान संघ है तो दूसरी ओर संघ से ही निकला किसान संगठन राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ है। किसान संघ जहाँ आंदोलन ख़त्म करने की बात कह रहा है वहीँ भारतीय राष्ट्रीय मजदूर संघ अपनी जिद्द पर अड़ा है। संगठन के नेता कैलाश कुल्हारी ने इंडिया संवाद से फोन पर बातचीत में बताया कि सरकार जब तक किसानों के साथ किये अपने वादे पूरे नहीं करती वह आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन देशव्यापी होगा।

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक निष्कासित किसान नेता शिवकुमार शर्मा का संगठन है। इस संगठन पर बीजेपी अध्यक्ष ने जमकर निशाना भी साधा था। नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा था कि संगठन को जो करना है कर लें। मध्यप्रदेश का किसान सामान्य तौर पर कभी उग्र आंदोलन नहीं करता है लेकिन यह दूसरी बार हुआ है जब पुलिस को किसानों पर गोली चलनी पड़ी है। यहाँ किसानों ने जाट आंदोलन की तर्ज पर पटरियां दरअसल मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ का कब्जा रहा है।

रविवार को किसान संघ से जुड़े नेताओं से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में चर्चा की थी, जिसके बाद किसान संघ द्वारा आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की गई थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि, किसान संघ 7 जून को शिवराज का सम्मान करेगा। बता दें कि भारतीय किसान संघ की स्थापना 4 मार्च 1979 को राजस्थान के कोटा शहर में की गई। इस संगठन के निर्माण में संघ के नेता दत्तोपंतजी ठेंगडी का अहम योगदान रहा है।

ख़बरों की माने तो वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भी शिवकुमार शर्मा ने किसानों का उग्र आंदोलन किया था। रायसेन जिले के बरेली में आंदोलन के दौरान पुलिस ने किसानों पर गोली चलाई थी। कुछ किसानों की मौत भी हो गई थी। शिवकुमार शर्मा लगभग छह माह जेल में रहे। उस वक्त वे भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष थे। इस आंदोलन के बाद संघ परिवार ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।

इससे पूर्व शिवकुमार शर्मा के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर सरकार के सामने असहज स्थिति पैदा की थी। जेल से बाहर आने के बाद शर्मा ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के नाम से एक अलग संगठन बनाया। किसान इसी बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं।

 

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