भारत की शिकायत: US के सामने भी पाक शर्मिंदा, मिली हिदायत-पहले टेररिस्ट हटाओ


भारत के खिलाफ सौंपा डॉजियर, अमेरिका ने नहीं दी तवज्जो
बुधवार को अमेरिका की पाकिस्तान को दी गई इस हिदायत से कुछ देर पहले यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जॉन कैरी और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बीच मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में पाकिस्तान की ओर से कथित तौर पर तीन डॉजियर सौंपे गए। डॉजियर में ‘भारत की बलूचिस्तान और और पाक के दूसरे हिस्सों में भूमिका’ से जुड़े ‘सबूत’ थे। हालांकि, जॉन कैरी या उनके सहयोगी इन डोजियर्स या आरोपों से सहमत नहीं दिखे। स्टेट डिपार्टमेंट की डेली ब्रीफिंग में भी डॉजियर्स का कोई जिक्र नहीं किया गया। जर्नलिस्ट्स की ओर से डोजियर सौंपे जाने से जुड़े सवालों पर स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। शरीफ से मुलाकात के बाद कैरी की ओर से किए गए ट्वीट में भी इसका जिक्र नहीं था। ये हालात पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी की वजह बन गए।
यूएन सेक्रेटरी जनरल को भी दिया था डॉजियर
ओसामा बिन लादेन और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के पनाहगार के तौर पर बदनाम पाकिस्तान काफी वक्त से खुद आतंकवाद का पीड़ित होने का दावा करता रहा है। अपने यहां फैली अशांति के लिए वह भारत को जिम्मेदार ठहराता है। इसी सिलसिले में बीते महीने यूनाइटेड नेशन में भी पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की गई। यूएन सेक्रेटरी जनरल बान की मून को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ‘सबूतों’ वाला डॉजियर दिया, लेकिन वहां भी उसे निराशा ही हाथ लगी। यूएन सेक्रेटरी जनरल ने इसे कोई तवज्जो नहीं दी।
क्या हुआ नवाज और कैरी की मीटिंग में?
अमेरिका के मुताबिक, नवाज शरीफ और कैरी ने ”पाकिस्तान में सभी आतंकियों को निशाना बनाने के लिए किए जाने वाले एक्स्ट्रा एफर्ट्स” को लेकर चर्चा की। इसका मतलब यह है कि अमेरिका मानता है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान सीरियस नहीं है और उसकी कोशिशें काफी नहीं हैं। ‘एक्स्ट्रा एफर्ट्स’ क्या होंगे या किसके खिलाफ होंगे, इसकी डिटेल्स देने से यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन ने इनकार कर दिया। उन्होंने बस इतना कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर अमेरिका आगे भी पाकिस्तान का सहयोग करता रहेगा।
यूएन में दिए डॉजियर में पाकिस्तान ने क्या कहा था?
डोजियर में कहा गया था- सबूतों से पता चलता है कि इंडियन सिक्युरिटी एजेंसियों के कबीलाई इलाकों में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान से रिश्ते हैं। डॉजियर में बलूचिस्तान और कराची में भारत की दखलंदाजी और वहां आतंकवाद को बढ़ावा देने से जुड़े सबूत हैं। भारत आतंकवाद का इस्तेमाल करके न सिर्फ दोतरफा बातचीत को रोक रहा है, बल्कि दोनों देशों के बीच माहौल को भी खराब कर रहा है।
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