भारत को ध्यान में रखकर हुई है पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा की नियुक्ति!

bajwaनई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना के नए चीफ कमर जावेद बाजवा की नियुक्ति में इंडिया का फैक्टर अहम माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान ने कश्मीर मामलों के एक्सपर्ट जनरल बाजवा को आर्मी चीफ नियुक्त किया गया है। यह बात उनके प्रोफाइल से भी साफ हो जाती है। बाजवा 10वीं कोर के कमांडर रह चुके हैं, जो वहां की सबसे बड़ी कोर है और जिसकी तैनाती सियाचिन से रावलपिंडी तक है। इसमें पूरा लाइन ऑफ कंट्रोल का एरिया भी शामिल है। वह नॉर्दर्न एरिया फोर्स कमांड के चीफ रहे हैं, जिसकी तैनाती गिलगिट-बल्तिस्तान में रही है।

कई भारतीय अधिकारियों के साथ कर चुके हैं काम
कई रिपोर्टों के मुताबिक, कांगों में यूएन मिशन में ब्रिगेडियर कमांडर के तौर पर वह भारत के पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह के साथ काम कर चुके हैं, जो उस समय वहां डिविजन कमांडर थे। बाजवा को कश्मीर मामलों को संभालने का अच्छा अनुभव रहा है। उन्हें बेहद प्रफेशनल सैन्य अधिकारी के तौर पर देखा जाता रहा है। शुरुआती रिपोर्टों में बताया गया था कि उन्होंने भारत के मुकाबले अपने देश में पनप रहे चरमपंथ से निपटने को बड़ी प्राथमिकता माना है। इसके अलावा, बाजवा क्‍वेटा के इन्‍फैंट्री स्‍कूल में भी काम कर चुके हैं।

उनके साथ काम करने वाले लोगों का कहना है कि उन्‍हें सुर्खियों में बने रहने की आदत नहीं है और वह सैनिकों के साथ पूरी तरह जुड़े रहते हैं। हालांकि, भारतीय सेना से रिटायर अफसर अरुण कुमार सिंह मानते हैं कि भारत के प्रति पाकिस्तान की नीतियों में हाल-फिलहाल कोई बदलाव नहीं आने वाला है। भारतीय सैन्य सूत्रों का यह भी मानना है कि रहील शरीफ भी शुरुआत में पाकिस्तानी सरकार के काफी करीब माने जा रहे थे लेकिन वहां के सिस्टम में किसी भी अधिकारी की पर्सनैलिटी खो जाती है।

पाक पीएम नवाज शरीफ के नजदीकी हैं बाजवा
मौजूदा आर्मी चीफ रहील शरीफ और पीएम नवाज शरीफ के रिश्तों में खटास खुलेआम थी। इस कारण पिछले दो बरसों के दौरान पाकिस्तान में सत्ता का एक तरह से बंटवारा हो गया था। जनरल रहील शरीफ जहां राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़े सारे फैसले ले रहे थे, वहीं नवाज शरीफ की सरकार अर्थव्यवस्था और सामान्य प्रशासन संभाल रही थी। माना जा रहा है कि कमर जावेद बाजवा और नवाज शरीफ के बीच रिश्ते बेहतर रहेंगे, जिससे भारत का पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व से संपर्क रखने का काम आसान हो सकता है। पाकिस्तान के रक्षा हलकों में इन दिनों बलूचिस्तान के मामले में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की नीतियों के प्रति गहरी चिंता जताई जा रही है। पाक के नए सेना प्रमुख बाजवा की चुनौतियों में इसे प्रमुख मुद्दा बताया जा रहा है।

 

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