भारत में ताबड़तोड़ हायरिंग कर रहा है IS, यह है तरीका

isतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनियाभर में हजारों जानें ले चुके खूंखार आतंकी संगठन IS ने भारत में अपनी पैठ गहरी कर ली है। भारत परेशान है और इससे निपटने के लिए शनिवार को ही गृह मंत्रालय की एक हाई प्रोफाइल मीटिंग भी बुलाई गई है। हालांकि, इस दौरान खुलासा हुआ है कि आईएस भारत में कई भारतीयों को आतंकी बनाने का जिम्मा सौंप चुका है।
विदेशों में रह रहे भारतीय भी आईएस के ‘मिशन इंडिया’ को कामयाब बनाने के लिए लग गए हैं। इनके निशाने पर ऐसे मुस्लिम युवा हैं जो आईएस के आतंकियों की तरह खलीफा (मुस्लिम राष्ट्र, जहां खलीफा का राज हो) का ख्वाब देख रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि, निशाने पर नेट सैवी मुस्लिम युवा ही हैं। मेल टुडे की एक खबर के मुताबिक, आईएस के इशारे पर भारत में आतंकी बनाने का काम कर रहे कुछ भारतीयों पर खुफिया एजेंसियों की पैनी निगाह है। पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने तुर्की और फिर वहां से सीरिया जाकर आईएस जॉइन करने की योजना बना रहे कुछ युवाओं का पता लगाया था। इनमें से कुछ युवाओं ने मेल टुडे से अपने प्लान का खुलासा किया। अखबार के मुताबिक, युवाओं ने उन लोगों के बारे में जानकारी दी, जिनकी मदद से उन्होंने आतंकी संगठन जॉइन करने का मन बनाया था। मुसैब (बदला हुआ नाम) ने बताया कि ज्यादातर भारतीय ही उससे और उसके दोस्तों से संपर्क में थे। मुसैब ने यह भी बताया कि ये लोग आतंकी बनाने के लिए साइबर स्पेस का सहारा ले रहे हैं और वे ही उन्हें सीरिया भेजने का इंतजाम भी करते हैं। इसकी तस्दीक खुफिया एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने भी की, जिन्होंने पिछले एक साल में तेलंगाना से आईएस में शामिल होने जा रहे 17 युवाओं को आतंकी बनने से रोकने में कामयाबी हासिल की है। खुफिया एजेंसियों ने यह भी खुलासा किया है कि कथित तौर पर गुजरात में रह रहे दो भारतीय आईएस हैंडलर्स के अलावा कुछ भारतीय सउदी अरब और अफगानिस्तान भी भारत के मुस्लिम नौजवानों को आतंकी बनाने की फिराक में हैं। इन लोगों के निशाने पर ज्यादातर ऐसे युवा हैं, जिनकी उम्र 20 साल के आस-पास है। आईएस के लिए हायरिंग का काम कर रहे इन लोगों की पहचान की जा चुकी है और खुफिया एजेंसियां इनकी हर हरकत पर नजर रखे हुए है। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के साथ रहे सुल्तान अरमार शाह भी आईएस के लिए भर्ती कर रहा था। माना जाता है कि आईएस के लिए लड़ते हुए शाह ने जान गवां दी। हैदराबाद बेस्ड मुसैब ने बताया, ‘पहले हैंडलर ने उससे फेसबुक पर संपर्क किया था और कई हफ्ते बाद पूरा भरोसा हो जाने पर ही मुसैब अपना भारत का नंबर दिया था। वह गुजरात में था। उसके बाद से हम फोन पर लगातार संपर्क में रहे।’ मुसैब ने यह भी बताया कि कुछ दिन बाद उसे सैद (बदला हुआ नाम) का नंबर दिया गया जो चार साथियों और कोलकाता के दो साथियों के साथ बांग्लादेश के रास्ते तुर्की और फिर सीरिया जाने की कोशश कर रहा था। हालांकि, उसकी जानकारी खुफिया एजेंसियों को हो गई थी। माना जाता है कि सैद तेलंगाना के करीमनगर से है। मुसैब के एक दोस्त फैद (नाम बदला हुआ) भी गुजरात के एक शख्स से संपर्क में था। वह इन सभी युवाओं से संपर्क में था और वही इन्हें सीरिया में आईएस की गतिविधियों के बारे में बताता रहता था। वह इन्हें आईएस के विडियो भी देता था। फैद के मुताबकि, उसने ही इन सबको आईएस जॉइन करने के लिए तैयार किया।
मुसैब ने यह भी खुलासा किया कि उसके तीन दोस्तों ने किस तरह सीरिया जाने का प्लान बनाया था और कैसे वह एजेंसियों के हत्थे चढ़ गए। उसने बताया कि सभी हैंडलर्स सोशल मीडिया के जरिए नेट सैवी मुस्लिम युवाओं को टार्गेट कर रहे हैं। उसने बताया कि एक हैंडलर की फेसबुक प्रोफाइल हिंदू नाम से थी, जो इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। उसने दुबई से 53 हजार रुपये भेजे थे। हालांकि, बाद में उसने बताया कि वह कर्नाटक के भटकल में है। उसके बाद मुसैब और उसके साथियों को यूके के किसी शख्स ने भी एक लाख रुपये भेजे थे। खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें सबसे ज्यादा खतरा आईएम के मेंबर्स से है, जो आईएस जॉइन कर सकते थे। वे लगातार भारत में आईएस के हैंडलर्स से संपर्क में हैं।’ सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान के एक कॉन्टैक्ट के जरिए ही तेलंगाना के चार युवा आईएस में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। खुफिया एजेंसियों ने दो को आतंकी हमले की साजिश के शक में गिरफ्तार कर लिया और दो को छोड़ दिया ताकि आईएस की इस मुहिम को कोमजोर किया जा सके।

 

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