मंदिर और हाजीअली के बाद अब ‘ताई-गीरी’ करेंगी तृप्ति देसाई

triptiमुंबई। शनि शिंगणापुर मंदिर और हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मुहिम छेड़ने वालीं सोशल वर्कर तृप्ति देसाई अब एक अलग वजह से चर्चा में हैं। दरअसल तृप्ति देसाई ने अब लाठी लेकर मोरल पुलिसिंग पर निकल पड़ी हैं। इसके लिए उन्होंने महिलाओं का एक ऐसा दल बनाया है जो मुंबई और पुणे की सड़कों पर ‘ताई-गीरी’ करेगा। मराठी भाषा में ताई का मतलब बड़ी बहन होता है। यह महिलाओं का दल सड़कों पर लाठी पर लेकर घूमेगा और महिला उत्पीड़न और छेड़खानी करने वालों को सबक सिखाएगा। हालांकि, कानून को अपने हाथ में नहीं लेने के लिए पुलिस ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है।

तृप्ति देसाई महिलाओं के पूजा स्थलों में प्रवेश के लिए आंदोलन चलाकर सुर्खियों में आई थीं। हाल ही में उन्होंने ‘द एंग्री गॉडेस’ नाम से यूट्यूब पर एक विडियो डाला है, जिसमें दिखाया गया है कि महिलाएं अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बाद शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए लाठी लेकर सड़कों पर निकल जाती हैं।

देसाई ने कहा कि इसके जरिए वह समाज और पुलिस की मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका दल दोपहिया वाहनों पर लाठी लेकर गश्त करेगा और सार्वजनिक स्थानों पर छेड़खानी करने या उत्पीड़न करने वालों को सबक सिखाएगा। ऐसे सात गश्ती दल बनाए गए हैं जो अगले हफ्ते से पुणे की सड़कों पर गश्त लगाना शुरू कर देंगे। देसाई ने बताया कि ऐसे हर दल में दो महिलाएं और दो पुरुष होंगे। महिलाएं शरारती तत्वों को सबक सिखाएंगी जबकि पुरुष साथी, गुंडों के खिलाफ सबूत इकट्ठे करके पुलिस को सूचना देंगे।

कानून हाथ में लेने के सवाल पर देसाई ने कहा, ‘ऐसे कदम उठाने बहुत जरूरी हैं क्योंकि अब तो पुलिसवालों पर भी हमले होने आम हो गए हैं।’ उन्होंने कहा कि महिलाओं को खुद ही अपने लिए खड़ा होना पड़ेगा और यह (ताई-गीरी) ‘भाई-गीरी’ या ‘दादा-गीरी’ की तरह नकारात्मक विचार नहीं है।

तृप्ति ने कहा, ‘ताई-गीरी महिलाओं के प्रति पुरुषों के नजरिए में बदलाव लाएगा। अगर कपल भी सावर्जनिक स्थान पर आपत्तिजनक व्यवहार करेंगे तो हम उन्हें भी सबक सिखाएंगे।’ इस तरह तृप्ति समूह हिंसा और गैरकानूनी कामों को ‘पुलिस की मदद’ के नाम पर न्यायसंगत ठहराती हैं। उनका कहना है, ‘जब हम लाठी के साथ किसी पुलिसवाले को देखते हैं तो डर के कारण हम उसकी इज्जत करते हैं और ‘ताई-गीरी’ के जरिए हमारा उद्देश्य भी लाठी के जोर पर इज्जत पाने का है।’

पुणे की पुलिस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने ऐसी कोई भी हरकत न करने के लिए तृप्ति को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि उनकी क्या योजना है लेकिन मैं इतना स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि कानून से ऊपर कोई नहीं हैं। किसी को भी सड़कों पर लाठी लेकर घूमने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ देसाई का कहना है कि महाराष्ट्र पुलिस का निर्भया दस्ता महिलाओं की सुरक्षा करने में असमर्थ हैं। इस पर पुणे की कमिश्नर ने कहा, ‘पुणे में निर्भया दस्ते ने गणेशोत्सव के दौरान 400 से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई की है। इससे पता चलता है कि दस्ता बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है। शायद तृप्ति को सही जानकारी नहीं है।’

 

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