मंदिर से गोहत्या का ऐलान करने के लिए मजबूर किया गया: पुजारी

ग्रेटर नोएडा। दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की जांच कर रही पुलिस ने गुरुवार कहा कि यह घटना स्थानीय मंदिर द्वारा इस बात की घोषणा किए जाने के बाद हुई कि पीड़ित परिवार गोमांस खा रहा है। पुलिस ने कहा कि पुरोहित और दो युवक मामले में ‘बड़ी कड़ी’ हैं। पुलिस ने बताया कि युवकों ने मंदिर के पुरोहित को मजबूर किया था कि वह घोषणा करे। इसके बाद हमला हुआ।
जिस मंदिर से गोमांस की अफवाह उड़ाई गई उस मंदिर के पुजारी से एक चैनेल ने बात की है। मंदिर के पुजारी महंद सुखदास का कहना है कि उनसे जबरन गोमांस की बात लाउडस्पीकर से कहवाई गई। पुजारी ने कहा कि मैंने लाउडस्पीकर पर गाय कटने की बात कही, लेकिन मुझसे जबरन घोषणा कराई गई।
पुलिस ने दावा किया कि इस सिलसिले में दर्ज एफआईर में गोमांस का कोई उल्लेख नहीं है। उसने कहा कि हमलावरों ने सिर्फ गोहत्या का आरोप लगाया था। एक अधिकारी ने कहा, ‘एफआईआर आईपीसी की धारा 147 (दंगा के लिए दंड), धारा 148 (दंगा, खतरनाक हथियारों से लैस), धारा 149 (गैर कानूनी सभा), धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 458 (घर में अनधिकार प्रवेश), धारा 504 (शांति भंग करने की मंशा से जानबूझकर अपमानित करना) शामिल हैं।’
एफआईआर में 10 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है जबकि 100 से अधिक अज्ञात लोगों का नाम भी है। एफआईआर पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। सात आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। एसपी (ग्रामीण) संजय सिंह ने कहा, ‘पुरोहित और दो युवक जिन्होंने गोमांस संबंधी अफवाह की घोषणा करने के लिए उन्हें मजबूर किया वो बड़ी कड़ी हैं। आगे की जांच में ठीक-ठीक घटनाक्रम का पता चलेगा कि कैसे ये सब हुआ।’
जिलाधिकारी एन. पी. सिंह ने कहा कि मैजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने कहा, ‘बिसरख में हालात नियंत्रण में है और मैजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है और शांति समिति सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने का प्रयास कर रही है।’
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