मथुरा में हिन्दुओं को जबरन ईसाई बनाने पहुंचे 7 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

लखनऊ। ज्रबरन धर्मान्तरण को लेकर एक और साजिश का पर्दाफाश हुआ है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में गांववालों की शिकायत के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ईसाई समुदाय के 7 लोगों को हिरासत में लिया है। इन सभी पर जबरन धर्मान्तरण की कोशिश करने का आरोप है। शिकायत के बाद गिरफ्तार किये गये इन सभी लोगों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य शुक्ला के अनुसार एक ग्रामीण् की शिकायत पर इन सभी को आईपीसी की धारा 295ए के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार मथुरा के थाना सुरीर इलाके के गांव इरोली गुर्जर में पिछले एक माह से ईसाई समुदाय के लोग सक्रिय थे तथा लोगों को बाइबिल बांटते थे और ईसाई धर्म अपनाने के लिए धर्म परिवर्तन की सलाह दे रहे थे। ये लोग यहां रहने वाले कुछ अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए जबरदस्ती कर रहे थे। इस गांव में लगभग 700 अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ममता नाम की महिला की अभी हाल ही गांव के एक युवक प्रदीप कुमार के साथ शादी हुई है। ममता ने सोमवार को प्रार्थना के लिए मिशनरी वालों को अपने घर बुलाया था। ज्ञात हो ममता की बहन अनीता ने अभी हाल ही में धर्मपरिवर्तन किया है। ममता के घरवालों का आरोप है कि जब मिशनरी के लोग प्रार्थना करा रहे थे उस समय उन लोगों ने दूसरे अन्य देवताओं के लिए अपमानजनक शब्द कहे। इसके बाद ही उन लोगों ने गांववालों को इसकी खबर दी। ममता के चाचा लाल सिंह की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर पुलिस ने सभी 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस बारे में सूरीर पुलिस स्टेशन के प्रभारी बीएन सिंह का कहना है कि हिरासत में लिये गये आरोपियो में तमिलनाडु के स्टेनली जैकब, नई दिल्ली से दाऊद, ओडिशा के विजयकुमार, मथुरा से अमित, हाथरस से सुमित वर्गीजे और अनीता और राजस्थान से दिनेश शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में स्टेनली जैकब का कहना है कि मिशनरियों ने किसी को धर्म बदलने में मजबूर नहीं किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इसके लिए पूछा था उन्हें बाइबल का वितरण किया गया था।
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