मद्रास हाईकोर्ट का फैसला, ‘कॉन्डम कोई दवा नहीं है’

चेन्नै। क्या कॉन्डम एक दवा है? यदि हां तो सरकारी एजेंसियां ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के तहत उसकी अधिकतम कीमतें तय कर सकती हैं? मद्रास हाईकोर्ट ने इसका जवाब ‘नहीं’ में देते हुए फैसला सुनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कॉन्डम पर केंद्र सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें कॉन्डम की मूल्य सीमा तय करते हुए इसको दवा मूल्य नियंत्रक आदेश (डीपीओसी) में शामिल कर दिया था।
साथ ही हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के उन दो फैसलों को भी रद्द किया था, जिनमें कॉन्डम की मूल्य सीमा तय संबंधी आदेश दिए थे। न्यायालय ने इन दोनों आदेशों को गैर-कानूनी बताया था।
इस पर सरकार का जवाब था कि यदि महंगे ब्रैंड्स के कॉन्डम को डीपीसीओ से बाहर कर दिया जाता है, तो कंपनियां अपने महंगे किस्म वाले कंडोम से बाजार को पाट देंगी और बाजार में कम मूल्य वाले कॉन्डम की किल्लत पैदा हो जाएगी।
चेन्नै की टीटीके प्रोटेक्टिव डिवाइसेज ने इसे मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने वह फैसला कायम रखा।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]