मनमोहन सरकार से इसलिए बेहतर है मोदी सरकार की राफेल डील

नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे जा रहे लड़ाकू विमान राफेल की डील पर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर अब सरकार ने भी जवाब देना शुरू कर दिया है.

शुक्रवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने इस आकस्मिक खरीदारी का फैसला भारतीय वायुसेना की आपात जरूरत को ध्यान में रखते हुए लिया है.

कैबिनेट मंत्रियों के इस बयान के बाद इस खरीद प्रक्रिया से जुड़े तमाम ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो स्थिति को स्पष्ट करते हैं.

क्यों अलग है मोदी और मनमोहन की राफेल डील ?

1. केंद्र सरकार के मुताबिक 2016 में मोदी सरकार द्वारा राफेल फाइटर जेट की तय की गई कीमत 9.17 मिलियन यूरो है. इस रेट पर प्रति फाइटर जेट की कीमत 688.30 करोड़ रुपये आती है. यानी यह दावा कि एक फाइटर प्लेन की कीमत 1500 से 1700 करोड़ रुपये के बीच है पूरी तरह से गलत है. पूरी डील की कीमत फ्रांस की शुरुआती बोली से लगभग 750 करोड़ रुपये कम है.

2. यूरोप में महंगाई का आकलन करने के लिए (ईआईएफ) प्रतिदिन के आधार इंडेक्स में बदलाव होता है. इसे ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने राफेल की सप्लाई के लिए ईआईएफ का अधिकतम स्तर 3.9 फीसदी पर तय कर दिया है. लिहाजा, राफेल की फ्रांस द्वारा होने वाली सप्लाई में बाद में डिलीवर होने वाले फाइटर जेट की कीमत एक निश्चित कीमत से अधिक नहीं होंगे. वहीं कांग्रेस कार्यकाल में हुई डील में पहली फाइटर प्लेन की सप्लाई के बाद से महंगाई के इस इंडेक्स का असर फाइटर जेट की कीमत पर पड़ता और बाद में डिलीवर होने वाले फाइटर जेट अप्रत्याशित रूप से महंगे होते.

3. मोदी सरकार द्वारा हुई राफेल डील में भारतीय वायुसेना की 13 खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फाइटर जेट की सप्लाई की जाएगी. इस तरह की कोई सुविधा यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई डील में नहीं थी. इसमें राडार सिस्टम में वह महत्वपूर्ण सुधार शामिल है जिससे इन फाइटर जेट को दुश्मन को पहचानने में बड़ी मदद मिलेगी.

4. मोदी सरकार द्वारा हुई डील के तहत सप्लाई होने वाले फाइटर जेट में एक बेहतर वेपन सिस्टम शामिल किया गया है. केंद्र सरकार के मुताबिक इस डील के तहत उसके फाइटर जेट में METEOR प्रणाली लगी हुई है जिससे युद्ध की स्थिति में इसकी मारक क्षमता बेहतर हो जाती है. इसके अलावा भी इन फाइटर जेट को कई अन्य खास सुविधाओं से लैस किया गया है जो देश को यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई डील के तहत नहीं दी जा रही थीं.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button