मर्डर-किडनैपिंग जैसे 31 मामलों में आरोपी रहे मुख्तार अंसारी को मुलायम ने बताया इज्जतदार

muakhiलखनऊ। मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को सपा के उन सभी नेताओं की तारीफ की, जिन्हें अखिलेश कतई पसंद नहीं करते। सपा की साफ-सुथरी इमेज बनाने के लिए अखिलेश जिन लोगों को पार्टी से दूर रखना चाहते थे मुलायम ने उन सभी को साथ लेकर चलने की बात कही।
अमर सिंह, सपा महासचिव
अमर सिंह की चरणों की धूल भी नहीं हो तुम लोग। मुझे सजा से अमर सिंह ने बचाया। 7 साल से कम सजा नहीं होती। पार्टी में भी नहीं था फिर भी मुझसे मिलने मेदांता आया। अमर ने बहुतों को बचाया, एहसान फरामोश मत बनो। अमर सिंह मेरा भाई है। मायावती की सरकार के वक्त मुलायम के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 157 एफआईआर दर्ज की गईं थीं। रासुका लगाकर उन्हें जेल भेजने की तैयारी थी। पिछले साल मार्च में मुलायम को स्वाइन फ्लू हो गया था। तब उनसे मिलने अमर सिंह मेदांता हॉस्पिटल पहुंचे थे। 2010 में सपा से निकाले गए अमर सिंह की इसी साल मई में पार्टी में वापसी हुई थी। अमर सिंह पर पार्टी में फूट डालने का आरोप है। अखिलेश ने रविवार को अमर सिंह को दलाल तक कह दिया था।
मुख्तार अंसारी, कौमी एकता दल प्रमुख (इसी महीने सपा में विलय)
मुख्तार अंसारी का सम्मानित परिवार है। अंसारी के दादा आजादी में लड़ाई लड़े। परिवार के लोग उप-राष्ट्रपति रहे। मऊ से विधायक अंसारी का 1988 में पहली बार मर्डर केस में नाम आया था। सबूत नहीं मिले। 2005 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय के मर्डर का आरोप लगा। वह इसमें भी बरी हो गया। मकोका और किडनैपिंग समेत कई केस दर्ज हैं। 2005 तक उस पर करीब 31 केस दर्ज थे। 2010 में अंसारी पर राम सिंह मौर्य की हत्या का आरोप लगा। मायावती ने उसे बसपा से निकाल दिया था। फिर कौमी एकता दल बनाया ।
मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कराने की शिवपाल ने जून कोशिश की थी। अखिलेश ने विरोध किया। बाद में शिवपाल के कहने पर मुलायम ने इसी महीने विलय करा दिया।
गायत्री प्रजापति, यूपी सरकार में मंत्री
 गायत्री प्रजापति को भी आप लोगों ने अपमानित किया। यूपी के कोयला एवं खनन मंत्री गायत्री प्राजापति को अखिलेश यादव ने सितंबर में बर्खास्त कर दिया था। उन पर भ्रष्टाचार का आरोप था। दो हफ्ते बाद ही मुलायम ने उनकी वापसी कराई। दोबारा मंत्री बनाया। हाल ही में उन पर एक महिला ने रेप का आरोप भी लगाया है। गायत्री की दागदार इमेज की वजह से अखिलेश उन्हें सरकार में नहीं रखना चाहते थे, लेकिन मुलायम के कहने पर बहाल करके दोबारा मंत्रिमंडल में लेना पड़ा।
शिवपाल, सपा प्रदेश अध्यक्ष
 शिवपाल के बिना जिंदा नहीं रह सकता। वह जो कर सकता है किसी का बाप नहीं कर सकता। उसके पीछे पुलिस थी तो वह रात में प्रचार करने आता था।  मुख्तार अंसारी और अमर सिंह के हिमायती। कौमी एकता दल के सपा में विलय के लिए पूरा दम लगा दिया। अखिलेश के विरोधियों के सपोर्टर हैं। कौमी एकता दल के विलय की कोशिशों के वक्त से ही अखिलेश-शिवपाल के रिश्तों में दरार है। 13 सितंबर को अखिलेश ने शिवपाल से कई अहम विभाग छीन लिए। कुछ ही देर में मुलायम ने अखिलेश काे सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर यह जिम्मेदारी शिवपाल को सौंप दी। फिर चार दिन बाद मुलायम के कहने पर उन्हें छीने गए सभी विभाग सौंप दिए। लेकिन रविवार को अखिलेश ने शिवपाल समेत चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
 

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