महागठबंधन को राहुल नहीं बल्कि प्रियंका स्वीकार

नई दिल्ली। देशभर में कांग्रेस की लगातार घटती लोकप्रियता के बाद अब महागठबंधन से पहले ही कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों के सुर भी बदल गये है. ताजा और सबसे चौंकाने वाला नाम तो आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का है. लालू यादव ने इशारों-इशारों में बता दिया है कि अब उन्हें भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं रहा.

वैसे लालू ने राहुल का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन प्रियंका वाड्रा को नेतृत्व संभालने की वकालत करके अपना इरादा जाहिर कर दिया है. शायद अब लालू को भी एहसास हो चुका है कि राहुल गांधी के भरोसे विपक्षी की दाल कभी नहीं गलने वाली. हैरानी वाली बात तो ये है कि लालू ने विपक्षी एकता के लिए प्रियंका के साथ-साथ उनके चर्चित पति रॉबर्ट वाड्रा तक का नाम ले लिया है लेकिन राहुल गांधी को पूरी तरह ठुकरा देने में ही भलाई समझी है.

आरजेडी के 21वें स्थापना दिवस समारोह के बाद लालू यादव की तरफ से प्रियंका के नाम को उछाल दिया गया है. लालू का कहना है कि अगर अखिलेश, मायावती, केजरीवाल, रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी एक साथ मिल कर चुनाव लड़ें तो 2019 में बीजेपी का सपना महज सपना बनकर ही रह जाएगा.

राहुल गांधी इस वक्त कांग्रेस में नंबर दो की भूमिका में हैं. लेकिन, जल्द ही सोनिया गांधी की जगह उन्हें नंबर एक की भूमिका दी जाने वाली है. ऐसे में कांग्रेस की रणनीति के हिसाब से अगले लोकसभा चुनाव की अगुआई तो राहुल के ही जिम्मे होगी. लेकिन, अब जबकि कांग्रेस के ही दोस्त लालू की तरफ से राहुल के नेतृत्व करने पर चुप्पी साध दी जाती है तो फिर इस बयान का मामला तो काफी गंभीर लग रहा है.

 

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