महाराष्ट्र: सूखे की घड़ी में राहत फंड से डांस ग्रुप को बैंकॉक भेजा

मुंबई। महाराष्ट्र में एक ओर जहां किसान आत्महत्या कर रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष के पैसे डांसर्स को बैंकॉक ट्रिप के लिए दिए जा रहे हैं। आरटीआई ऐक्टिविस्ट अनिल गलगली की आरटीआई याचिका से खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आठ लाख रुपये डांसर्स के लिए ट्रांसफर किए गए।
नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री राहत कोष के पैसों का इस्तेमाल सिर्फ प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है। डांसर्स के लिए इस राशि को स्पेशल केस मान कर अप्रूव किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बारे में कॉमेंट करने के लिए उपलब्ध नहीं थे। हालांकि सीनियर ऑफिशल्स ने कहा कि मुख्यमंत्री इस फंड का इस्तेमाल अपने विवेक के मुताबिक कर सकते हैं। जरूरतमंद लोगों को यह धनराशि मुहैया कराई जा सकती है। ऑफिशल ने कहा,’डांसर्स ने इस साल नैशनल लेवल प्रतियोगिता जीती है। सीएम को लगा कि विदेश में भारतीय प्रतिभा के प्रचार-प्रसार के लिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’
महाराष्ट्र में इस साल सूखे और फसल बर्बाद होने की वजह से अब तक 660 किसान खुदकुशी कर चुके है। डांसर्स को आठ लाख रुपये दिए जाने से एक हफ्ते पहले ही मराठावाड़ा में 32 किसानों ने अपनी जान दे दी थी। सचिवालय जिमखाना के अध्यक्ष मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही हैं। आरटीआई ऐक्टिविस्ट अनिल का कहना है कि यह साफ तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष के पैसों का दुरुपयोग है।
हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि कोष जारी करने में कुछ भी गलत नहीं है। इस कदम पर बढ़ती आलोचनाओं के बीच अधिकारी ने कहा कि चैरिटी आयुक्त के समक्ष वर्ष 1967 में पंजीकृत मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल सांस्कृतिक गतिविधियों को आर्थिक मदद देने के लिए किया जा सकता है। महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव संजय दत्त ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं दोषपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सूखे के लिए धन देने की बजाय ज्यादा महत्व नृत्य के लिए धन देने को देती है।’
यह पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ है। साल 2008 में फॉर्मर सीआईसी शैलेश गांधी ने खुलासा किया था कि 2003-2005 के बीच पब्लिक से इकट्ठे किए गए पैसे कबड्डी प्रतियोगिता के आयोजक, विमिंज फुटबॉल मैच, एक गजल कॉन्टेस्ट, एक मराठी ऐक्टर फैन क्लब और एक कांग्रेस विधायक द्वारा कराए गए धार्मिक कार्यक्रम के लिए दे दिए गए थे।
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