महिलाएं ही महिलाओं की बाधक, हमेशा लड़कों को दोष देना ठीक नहीं: राम नाईक

लखनऊ/इलाहाबाद। राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को कहा कि भ्रूण हत्या करने के मामले में कहीं न कहीं महिला डॉक्टर ही शामिल होती हैं। यदि इच्छाशक्ति आ जाए तो यही महिला डॉक्टर यह कार्य नहीं करेंगी। वहीं, जिस महिला के गर्भ में कन्या है, वो भी चाहती है कि कन्या न पैदा हो। ऐसे में महिलाएं ही महिलाओं के लिए बाधा उत्पन्न करती हैं। हमेशा लड़कों को दोष नहीं देना चाहिए। यदि महिलाएं इच्छाशक्ति मजबूत कर लें कि उन्हें कन्या की भ्रूण हत्या नहीं करनी, तो यह समस्या एकदम से नियंत्रित हो जाएगी। ये बातें उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में आयोजित नारी शक्ति महोत्सव कार्यक्रम में कही।
राज्यपाल ने कहा, ‘नारी शक्ति को लेकर यह कार्यक्रम किया जा रहा है, लेकिन मैं देख रहा हूं कि इस हॉल में दो तिहाई से ज्यादा लड़के हैं। इसलिए हमेशा लड़कों को दोष नहीं दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ महिलाएं ही महिलाओं की प्रगति में बाधा उत्पन्न करती हैं। नारी सशक्तिकरण के मामले में संवेदनशीलता और इच्छाशक्ति बढ़ाने की जरूरत है। यदि भ्रूण हत्या की जा रही है, तो इसे रोकने के लिए संवेदनशीलता सहायक हो सकती है।
राज्यपाल राम नाईक ने यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर सपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सूबे में महिलाओं से रेप और हत्याएं जैसी अपराध बढ़ी हैं। महिलाएं अत्याचार से तंग आकर फांसी लगा रही हैं। इस तरह की घटनाओं पर सरकार को नियंत्रण करना चाहिए। अपराध के संबंध में कठोर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है, ताकि अपराधी इस तरह के अपराध करना बंद कर दे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राम नाईक ने कहा कि यदि समाज में महिलाओं के प्रति इसी तरह अपराध होता रहा तो हमारा समाज कभी भी प्रगति नहीं कर सकता है। समाज का संतुलन तभी ठीक रहेगा, जब महिलाओं और पुरुषों को समान नजरिये से देखा जाएगा और महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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