महिला रक्षा मंत्री सीतारमन: कांग्रेसी परिवार का बीजेपी से प्यार

नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट के विस्तार में आज नौ नए मंत्रियों ने शपथ ली, जबकि चार मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया. इस पूरे विस्तार की सबसे बड़ी खबर निर्मला सीतारमन का रक्षा मंत्री बनाया जाना है. अभी तक वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था.

आजादी के बाद देश को पहली बार पूर्ण कालिक महिला रक्षामंत्री मिली हैं. इससे पहले साल 1975 और 1980-82 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था.

यहां जानें निर्मला सीतारमन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें :-

Nirmala Sitharaman

तिरुचिरापल्ली में रेलवे कर्मचारी के घर जन्म

निर्मला सीतारमन का जन्म 18 अगस्त 1959 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ. उनके पिता रेलवे में नौकरी करते थे और मां गृहणी थी. पिता के अनुसाशन और मां के किताबों के प्रति प्यार का असर उनके जीवन पर भी हुआ. निर्मला सीतारमन ने अपना ग्रेजुएशन तिरुचिरापल्ली में किया. इसके बाद मास्टर्स के लिए वे दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय आ गईं. साल 1986 में पराकला प्रभाकर से शादी के बाद वे लंदन शिफ्ट हो गईं. वहां कॉर्पोरेट के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद वे 1991 में भारत वापस आ गईं.

पति और परिवार कांग्रेस समर्थक फिर ज्वाइन की बीजेपी

निर्मला सीतारमन के पति और परिवार का झुकाव कांग्रेस की ओर था इसके बावजूद उन्होंने साल 2006 में बीजेपी ज्वाइन किया. अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में वे रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में बीजेपी की प्रवक्ता बनीं. लंदन में हासिल की गई अपनी उपलब्धियों के दम पर पार्टी में लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ती चली गईं. साल 2010 में जब पार्टी की कमान नितिन गडकरी के हाथ में आई तब उन्हें बीजेपी का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया गया. उन्होंने कई मुद्दों पर पार्टी का बचाव किया और नेतृव की तारीफ की.

पहली बार आंध्र प्रदेश से राज्यसभा पहुंची

निर्मला सीतारमन को बीजेपी ने पहली बार आध्र प्रदेश से राज्यसभा भेजा. यह सीट टीडीपी के एन जनार्दन रेड्डी की मृत्यु के बाद खाली हुई थी. बीजेपी की सहयोगी होने के चलते टीडीपी ने यह सीट निर्मला सीतारमन को ऑफर की. वर्तमान में वे कर्नाटक से राज्यसभा मेंबर हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने महत्वपूर्ण किरदार अदा किया था. इस चुनाव में उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्हें मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया.

कमजोरी को भांपकर उस पर किया काम

दक्षिण भारत से होने के कारण उनकी हिंदी कमजोर थी, इस बात का उन्हें अहसास था. राजनीति में लगातार मेहनत के साथ ही उन्होंने अपनी हिंदी पर भी काम किया और भाषा पर पकड़ बना ली. निर्मला सीतारमन के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी प्रेस रिलीज खुद लिखती हैं. मीडिया में कुछ भी जाने से पहले उसे एक बार एडिट जरूर करती हैं. राजनीतिक जीवन के इतर वे संगीत की बेहद शौकीन हैं. वे कृष्ण के भजन सुनना पसंद करती हैं. राजनीतिक जीवन और पारिवारिक जीवन में बैलेंस बनाना भी उन्हें बखूबी आता है.

 

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