मिशन 2019: सामने आ रहा ममता का गेमप्लान, फेडरल फ्रंट की कमान संभालने की तैयारी?

नई दिल्ली। 2019 का चुनाव दरअसल एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है. एक तरफ बीजेपी और कांग्रेस अपना-अपना मोर्चा मजबूत कर रही हैं तो दूसरी तरफ एक तीसरा मोर्चा भी आकार ले रहा है. लेकिन इस तीसरे मोर्चे में भी प्रधानमंत्री की कुर्सी के कई दावेदार हैं.

2019 में संख्याबल के आकलन के बिना हर कोई ताज पहनने का ख्वाब देख रहा है. तीसरा मोर्चा कहिए या फेडरल फ्रंट, तृणमूल कांग्रेस के मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रेस में अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए सबसे आगे दौड़ रही हैं. साथ ही सीधे BJP की केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा कर रही हैं.

दिल्ली दौरे से गहमागहमी

3 दिनों के दौरे पर दिल्सी आई तृणमूल कांग्रेस सुप्रीम और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी विरोधी खेमों के नेताओं से मिलकर बडे फ्रंट की दावेदारी मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं.

मंगलवार को ममता बनर्जी ने जहां राम जेठमलानी के घर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और बीजेपी से नाराज चल रहे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात की. तो वहीं बुधवार को ममता बनर्जी संसद भवन में सभी बीजेपी विरोधी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगी.

बुधवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी ममता बनर्जी मुलाकात कर सकती हैं. इतना ही नहीं बुधवार को ममता बनर्जी यूपी की अध्यक्षा सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे, जिससे बेहद अहम माना जा रहा है. इस मुलाकात में दीदी सभी गैर बीजेपी दलों के नेताओं को 19 जनवरी को कलकत्ता के ब्रिगेड परेडा मैदान तृणमूल कांग्रेस की विशाल रैली में आने का न्योता दे सकती हैं. इसी रैली को ममता बनर्जी फेडरल फ्रंट की रैली का रूप देना चाहती हैं, जिसके तैयारी की शुरुआत दीदी ने दिल्ली से शुरू कर दी है.

कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस में लिया हिस्सा

दिल्ली दौरे पर आई ममता बनर्जी ने मंगलवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. जहां दीदी ने असम में एनआरसी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. दीदी ने दो टूक कहा कि भारत की राजनीति में लोकतंत्र और सहिष्णुता प्रमुख है.

बीजेपी पर सवाल खड़ा करते हुए ममता ने कहा कि 40 लाख लोगों को पल भर में विदेशी करार देने वाले यह लोग कौन होते हैं. अपनी पूरी शैली में ममता बनर्जी खुद को राष्ट्रीय नेता की तरह प्रोजेक्ट करने की कोशिश करती रहीं. इस कार्यक्रम में प्रमुख मेहमान कोलकाता के आर्कबिशप थॉमस डिसूजा ने ममता बनर्जी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े.

आर्कबिशप थॉमस डिसूजा ने कहा ममता बनर्जी सबको साथ लेकर चलती हैं. ममता बनर्जी के राष्ट्रीय रोल पर आर्चबिशप थॉमस डिसूजा का कहना है कि, ममता बनर्जी सांसद रही हैं. केंद्र में मंत्री रही हैं और मुख्यमंत्री हैं तो उनके पास राजनीतिक अनुभव तो है ही साथ ही ममता बनर्जी ऐसी नेता हैं जिनको सारा देश जानता है.

बीजेपी को सत्ता से बाहर करना लक्ष्य

कार्यक्रम के बाद 2019 में फेडरल फ्रंट की दावेदारी और प्रधानमंत्री पद के सवाल पर ममता बनर्जी ने अपनी महत्वकांक्षाओं को सीधे-सीधे जाहिर ना करते हुए कहा कि वह एक आम कार्यकर्ता की तरह सबके साथ मिलकर काम करना चाहती हैं. दीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा. यह देश की जनता तय करेगी लेकिन फिलहाल जरूरत है BJP की सरकार को केंद्र से बाहर करना.

हाल ही में नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, जिसमें 2019 को लेकर चर्चा भी हुई.

वहीं हाल ही में पत्रकारों के साथ हुई मुलाकात के बाद सामने आई खबरों में यह सुना गया कि राहुल गांधी 2019 में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए मायावती या ममता बनर्जी का समर्थन कर सकते हैं. दिल्ली में दलों के साथ दंगल की तैयारी से पहले दीदी ने बंगाल में भी जमीन मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी. 21 जुलाई को कोलकाता में शहीदी दिवस मनाते हुए भारी भीड़ के बीच ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि वह बंगाल की सभी सीटों पर विजय हासिल करेंगी.

ये है ममता का गेमप्लान

दिल्ली में दीदी की ये सारी कवायद चुनावी साल में यानी 19 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में होने वाली रैली में सभी नेताओं को एक मंच पर लाकर एनडीए के खिलाफ फेडरल फ्रंट के ढांचे और उसकी ताकत दिखाने की है. उसी शक्ति प्रदर्शन के लिए दीदी दिल्ली से दम भर रही हैं. गैर एनडीए और गैर यूपीए दलों में ममता बनर्जी के पास कई पार्टियों का समर्थन पहले से मौजूद है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ममता बनर्जी के साथ खड़ी है तो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भी ममता बनर्जी का समर्थन करते दिखाई पड़ते हैं. इतना ही नहीं ममता बनर्जी शिवसेना के भी संपर्क में हैं और कहती हैं कि कहीं और पार्टियां बातचीत कर रही हैं.

हाल ही में दिल्ली में उपराज्यपाल के घर हुए धरने के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, HD कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सामने आए.

 

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