मीडिया पर भड़के राहुल, कहा-किसने बोला फोटो खिंचवाने आया?


अब तक क्या हुआ?
> गांव वाले एनएच-2 पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आरोपियों को फांसी हो।
> गांव वालों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हाईवे खाली कराया गया।
> गांव वाले सड़क पर बच्चों का शव रख कर विरोध कर रहे हैं। गांव वाले अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कि वे तब तक बच्चों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक सभी आरोपियों को अरेस्ट नहीं किया जाता।
> इस मामले में अब तक पांच लोगों को अरेस्ट किया गया है।
> ड्यूटी में लापरवाही के कारण सरकार ने आठ पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है।
> घटना के बाद विवाद बढ़ता देख राज्य सरकार ने 400 पुलिसवालों को फरीदाबाद में तैनात किया है।
राहुल ने और क्या कहा?
> राहुल ने कहा- पीड़ित परिवार को इसलिए दबाया जा रहा है क्योंकि वे गरीब हैं, वे कमजोर हैं। इसलिए उन पर अत्याचार हुआ। प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहा। कुछ दिन पहले यहां के लोग प्रशासन के पास गए तो प्रशासन ने कहा अभी कोई मरा नहीं है ना वापस जाइए।
> ऐसी घटनाएं हरियाणा, बाकी हिंदुस्तान में हो रही हैं।
> यहां के सीएम की जिम्मेदारी है। जिन पुलिसवालों ने अपना काम नहीं किया उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
> राज्य सरकार सीबीआई जांच की मांग माने।
> पुलिस वालों के खिलाफ जिन्होंने काम ठीक से नहीं हुआ उनके खिलाफ कार्रवाई हो। अगर सच्चाई यह है कि यहां कमजोर, गरीब लोगों की सरकार नहीं है। तो यह गलत है।
> मैंने उनसे कहा है, जो भी मैं मदद कर सकता हूं, वो करने के लिए तैयार हूं।
> पीएम, आरएसएस और बीजेपी का यह रवैया है कि गरीबों को दबाया जाए। वे चाहते हैं जो गरीब हैं वे हमेशा दबाया जाएं।
किसने क्या कहा?
> होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा,”इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।”
> कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, ”इस घटना के बाद मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।”
> लालू प्रसाद ने कहा, ”बिहार में भाषणबाजी करने से पहले मोदी बतावें कि केंद्र व हरियाणा में इनके राज में गरीब, दबे कुचले व दलित कब तक ज़िंदा जलाये जाते रहेंगे? खुशफहमी एवं आत्ममुग्धता के शिकार PM महोदय अपने “मन की बात” की बजाय आपको उत्पीड़ित, वंचितों, पिछड़ों-दलितों के “कष्ट की बात” करनी चाहिए”
> सुनपेड पहुंचीं सीपीएम नेता वृंदा करात ने सवाल उठाया है कि घटना के वक्त यहां सुरक्षा में लगाए गए पुलिसवाले जागरण क्यों देखने गए थे? उन्होंने आशंका व्यक्त कि है कि इस घटना में पुलिस की मिलीभगत हो सकती है। वृंदा ने कहा,” सीएम हर जगह जा रहे हैं, उनके प्रदेश में इतनी बड़ी घटना हुई है। क्या वे कुछ देर के लिए यहां नहीं आ सकते थे?”
क्या है मामला?
फरीदाबाद में आने वाले बल्लभगढ़ के सुनपेड गांव में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात कुछ लोगों ने दलित समुदाय के जितेंद्र के घर में घुसकर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। फिर बाहर से दरवाजा बंदकर भाग गए। घटना में जितेंद्र के दोनों बच्चों की मौत हो गई। जितेंद्र और उनकी पत्नी झुलस गए। पत्नी का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आईसीयू में इलाज चल रहा है।
क्या है विवाद की वजह?
इस गांव में पिछले एक साल से तनाव है। दलितों और दूसरी जाति के लोगों के बीच झगड़ा मोबाइल को लेकर शुरू हुआ। 5 अक्टूबर 2014 को अपर कास्ट के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। पुलिस ने 11 को गिरफ्तार किया था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से बदला लेंगे। लिहाजा, बाकी दलित परिवार गांव छोड़ कर चले गए। जितेंद्र भी उन्हीं में से था। मामला एससी-एसटी आयोग में गया। आयोग ने फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर से इन परिवारों को दी जाने वाली सुरक्षा के बारे में पूछा। पिछले साल दिसंबर में कमिश्नर ने लिखित में कहा कि जितेंद्र के घर के पास एक पुलिस जिप्सी, आधा दर्जन हथियारबंद जवान और दो बाइक सवार जवान तैनात रहेंगे। एसएचओ खास निगरानी भी करेंगे। इस भरोसे के बाद जितेंद्र और उसका परिवार इस साल जनवरी में गांव लौटा था।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]