मुलायम के कुनबे में एक बार फिर शह व मात का खेल शुरू, सीएम अखिलेश को शिवपाल ने दिया तगड़ा झटका

सपा कुनबे में मचे कोहराम की मुख्य वजह अमर सिंह व बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी को माना जा रहा था। सीएम अखिलेश यादव ने दोनों लोगों का विरोध किया था और इसको लेकर शिवपाल यादव व सीएम अखिलेश में मतभेद हो गया था। सीएम अखिलेश ने यहां तक कहा था कि नेता जी मुलायम सिंह यादव का आदेश होगा तो मैं सीएम पद भी छोडऩे को तैयार हूं, लेकिन टिकट बंटवारे में मेरी सुनी जानी चाहिए। सपा ने प्रत्याशियों की जो नयी सूची जारी की है उससे सीएम अखिलेश यादव के लिए झटका माना जा रहा है।
बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी के विलय का सीएम अखिलेश ने विरोध किया था और पूर्व माह में मुलायम सिंह यादव की गाजीपुर में हुई रैली में भी सीएम अखिलेश नहीं गये थे क्योंकि रैली का आयोजन बाहुबली मुख्तार अंसारी के लोगों ने किया था। सीएम अखिलेश के लाख विरोध के बाद भी मुख्तार अंसारी के भाई सिब्गतुल्ला अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से टिकट देकर शिवपाल यादव ने कौएद व सपा के विलय पर अंतिम मुहर लगा दी। इसके अतिरिक्त सीएम अखिलेश यादव ने मंच से बाहुबली अतीक अहमद को धक्का देकर हटाया था लेकिन शिवपाल यादव ने यहां भी सीएम अखिलेश की नाराजगी को दरकिनार करते हुए बाहुबली अतीक अहमद को कानपुर कैंट से उम्मीदवार बना कर साबित कर दिया है कि टिकट वितरण में सीएम अखिलेश यादव की नहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की चलेगी।
टिकट वितरण में भी पारिवारिक लड़ाई दिखने से सपा को नुकसान उठाना तय है। सपा में सीएम अखिलेश का चेहरा बहुत लोकप्रिय है और वह उन जगहों पर चुनाव प्रचार करने करेंगे, जहां पर उनके विरोधियों को टिकट दिया गया है ऐसे में सपा को यूपी में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान होना तय हैं।
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